कोरोना की हवा ने बुझा दिया कर्मा परिवार का दीपक

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बस्तर टाईगर शहीद महेंद्र कर्मा के बेटे दीपक कर्मा का हुआ निधन

जगदलपुर – कोरोना को हवा ने कर्मा परिवार का दीपक बुझा दिया है। विगत माह भर से कोविडसे जूझ रहे युवा नेता दीपक कर्मा की आज तड़के मृत्यु हो गई है। उनकी मौत की खबर से दंतेवाड़ा सहित पूरे बस्तर संभाग में शोक की लहर है। पूरे प्रदेश से कांग्रेसजनों और समर्थको- शुभचिंतकों की ओर से शोक संवेदनाओं का दौर जारी है। कोरोना संक्रमण के चलते गुरुवार सुबह लगभग 3 बजे छत्तीसगढ़ ने अपना एक और नेता खो दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस के महासचिव दीपक कर्मा का उपचार के दौरान निधन हो गया ।

कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जगदलपुर से रायपुर के एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दीपक कमां, बस्तर टाइगर कहे जाने वाले शहीद महेंद्र कर्मा के बेटे थे, उनकी मां देवती कमां दंतवाडा से कांग्रेस को विधायक हैं। बता दें दीपक कमां दंतेवाड़ा नगर पालिका के लगातार 3 बार अध्यक्ष रहें हैं और वे बस्तर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं। वे दंतेवाड़ा सहित पूरे बस्तर संभाग के लोकप्रिय युवा आदिवासी नेता थे। राजनीति से जुड़े युवा उन्हें अपना आदर्श मानते थे। लोगों की मदद करने और मुसीबत में साथ खड़े रहने वाले नेता के तौर पर उनको अपनी विशिष्ट पहचान रही है। यदि कारण है कि दीपक कर्मा के असामयिक निधन ने कमां परिवार सहित समर्थकों के झकझोर कर रख दिया है। फेसबुक पोस्ट के जरिए संक्रमित होने की दी थी जानकारी . कांग्रेस नेता दीपक कर्मा ने 12 अप्रैल को फेसबुक पोस्ट के जरिए खुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी,उन्होंने लिखा था कि, कोविड एंटीजन टेस्ट में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों से निवेदन है कि वे अपना ख्याल रखें और किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर अपना टेस्ट जरूर करा लें। बाद में हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। यहाँ कुछ दिनों के उपचार के बाद फेफड़ों में संक्रमण अधिक होने और लगातार तबीयत बिगड़ती देख उन्हें विगत सप्ताह रायपर रिफर कर दिया गया था। कांग्रेस महासचिव दीपक कर्मा को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनकी तबीयत को लेकर मंगलवार को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉक्टरों से बात की थी, आज तड़के करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। छात्र नेता के तौर पर शुरू किया था अपना राजनीतिक जीवन लोकसभा चुनाव तक लड़ चुके दीपक कर्मा ने छात्र जीवन से राजनीति में कदम रखा था। पहली बार वे 1993 से 1995 तक बस्तर संभाग में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के उपाध्यक्ष बने। उनके कार्यों को देखते हा 1996 में बस्तर केटाइबल विंग का अध्यक्ष बनाया गया। साल 1999 में दंतेवाड़ा नगर पंचायत में पार्षद चुने गए। फिर कांग्रेस में उनका कद बढ़ता चला गया।

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युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए 2010 में दंतेवाड़ा ओलंपिक एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया। 2013 में प्रदेश कांग्रेस महासचिव बने। 2004 से 2019 तक लगातार तीन बार वे दंतेवाड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव भी लड़ा परंतु मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उमाशंकर शुक्ला ने भी दीपक कर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दंतेवाड़ा जिले ही नहीं प्रदेश के लिए बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि वह हमेशा एक कर्मठ सिपाही की तरह कांग्रेस के लिए सेवा भावना से कार्य किया करते थे।

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कांग्रेस हाईकमान के भी करीबी माने जाते थे

दीपक कर्मा शहीद महेंद्र कर्मा का परिवार हमेशा से गांधी परिवार के बेहद करीब रहा है। स्वगीय कर्मा जी की शहादत के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी का कर्मा परिवार के प्रति विशेष मेह हमेशा से देखा गया है। इस लिहाज से दीपक कर्मा भी राहुल गांधी के पसंदीदा युवा नेताओं में शामिल रहे हैं। कई मौकों पर दीपक कर्मा सोनिया और राहुल के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

पैतृक ग्राम फरसपाल में होगा अंतिम संस्कार

दीपक कर्मा का पार्थिव देह रायपुर से फरसपाल के लिये रवाना कर दिया गया है। आज शाम फरसपाल स्थित श्मशान में कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जायेगा। दीपक कर्मा की बहन जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा द्वारा कर्मा परिवार के हवाले से जारी बयान में समर्थकों और रिश्ते-नातेदारों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने अपने निवास स्थान से ही श्रद्धांजलि अर्पित करने की अपील की गई है।