जगदलपुर। बस्तर संभाग मुख्यालय के जंगल महकमे की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में हैं।यह महकमा जंगल बचाने की जगह ठेकेदारों की तिमारदारी करते हुए देखे जा रहें हैं जबकि जंगलों में अवैध शिकार धड़ल्ले से जारी है।
बस्तर के सीसीएफ दफ्तर में राज्य व दीगर राज्य के ठेकेदारों को बुलाकर उनकी आवभगत किया जा रहा है जिसके बदौलत मोटी रकम की वसूली किया जाए जबकि उसके विपरीत अधिकारियों के जंगलों में दौरा नहीं रहने के कारण सामूहिक शिकार की बातें सामने आ रही है। जगदलपुर व दरभा-कोलेंग वन परिक्षेत्र अंतर्गत गुड़िया,कोलेंग और नेतानार में सामूहिक शिकार करते हुए देखे जा सकते हैं।
जमीनी स्तर के अधिकारियों के साथ बड़े अधिकारियों को जंगल बचाने की दिलचस्पी नहीं है जिसके तहत् जंगल भगवान भरोसे है और तस्करों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया और महकमें की उदासीनता के कारण ग्रामीण भी बेख़ौफ़ सामूहिक शिकार के लिए निकल पड़े हैं और वन महकमा लॉकडाऊन का बहाना बनाकर उल्टे-सीधे तर्क देने से भी गुरेज नहीं कर रहा है।