निगम कर्मचारियों के अपमान पर खेद प्रकट करें महापौर
स्वच्छता दीदी, ज़रूरतमंद निगमकर्मियो को भी महापौर निधि से मिले मदद- संजय पाण्डेय
नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय ने कहा है कि निगम के सफ़ाई कर्मचारियों को राहत देने के नाम पर उनका अपमान बंद करें महापौर ! विदित हो कि निगम के द्वारा सफ़ाई कर्मचारियों को एक महीने के लंबे लाँक डाउन में राहत के नाम पर राशन सामग्री दी गई है !इसमें 800 ग्राम आलू, 800 ग्राम प्याज़ और लगभग २०० ग्राम सोयाबड़ी दी गई है, कुल मिलाकर 1.8 किग्रा है , जिसकी गुणवत्ता भी बहुत निम्न है !
पाण्डेय ने महापौर को लिखे पत्र में कहा है कि जो लोग इतने विषम परिस्थितियों में अपने जीवन को खतरे में डालकर नगर निगम क्षेत्र को स्वच्छ रखने रात दिन मेहनत कर रहे हैं, जिन्हे शासन ने कोरोना योद्धा के नाम से नवाजा है,उन्हें राहत के नाम पर मात्र 40-50रु की घटिया सामग्री प्रदान करना बेहद आपत्तिजनक एवं अशोभनीय है।
75 लाख की वीड हार्वेस्टर मशीन एवं 35 लाख के डस्टबिन (निविदा पूर्व ही क्रय) की खरीदी करने वाला निगम , कोरोना योद्धाओं की कमजोरी का उनकी गरीबी का मजाक ना बनाये , इससे उनके साथ साथ उनका परिवार भी अपमानित हुवा है।
मुझे उम्मीद है कि मेरे पत्र की भावना को समझते हुये, आप अवश्य खेद प्रकट करेंगी ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि शासन में बाहर रहने पर गरीबी हटावो ,और शासन में रहने पर गरीबो का अपमान करना उचित नहीं है। आपसे निवेदन है कि मिशन क्लीन सीटी में कार्यरत स्वच्छता दीदी,जिन्हे मात्र 6000रु मासिक मानदेय मिलता है,एवं निगम में
कार्यरत सभी जरूरतमंद कर्मचारियों को भी ध्यान में रख कर उत्तम क्वालिटी एवं मात्रा की राहत सामग्री महापौर निधि से दी जावे, जिससे कम से कम एक परिवार की न्यूनतम जरूरते पूर्ण हो सके।
संजय पाण्डेय ने कहा है कि आशा है आप मेरे पत्र को गंभीरता से लेंगी एवं तदअनुसार निर्णय लेगी।