Breaking – नक्सलियों की सहायता करने वाला शहरी नेटवर्क लेण्डमार्क इंजीनियर निशान्त जैन गिरफ्तार

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बिलासपुर – नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी एसआईटी की टीम ने मामले में 12वीं गिरफ्तारी की है. इससे पहले पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को लैंडमार्क इंजीनियर कंपनी के मालिक निशांत जैन की ओर से नक्सलियों की मदद करने की पुख्ता जानकारी और सबूत मिले थे, जिसके बाद से ही निशांत जैन फरार था. बुधवार को SIT की टीम को निशांत के बिलासपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद टीम ने दबिश देकर उसे धर दबोचा.अपने साथियों के माध्यम से कर रहा था नक्सलियों की मदद|

कांकेर पुलिस को महत्त्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। जिला कांकेर के अन्दरूनी क्षेत्र कोयलीबेडा, आमाबेड़ा, सिकसौड़, रावघाट, ताड़ोकी में पीएमजेएसवाय रोड़ निर्माण में लगे कंपनी लेण्डमार्क इंजीनियर बिलासपुर के मालिक निशान्त जैन एवं लेण्डमार्क रॉयल इंजीनियर राजनांदगांव के मालिक वरूण जैन द्वारा कांकेर जिला के अन्दरूनी क्षेत्रों में रोड निर्माण कार्य का ठेका लेकर अजय जैन, कोमल वर्मा, तापस पालित द्वारा सीधे तौर पर रोड़ निर्माण कार्य के नाम पर नक्सलियों को जूता, वर्दी का कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, बिजली तार, रूपये एवं अन्य सामग्री राजनांदगांव एवं अन्य शहरों से खरीद कर लाकर आरोपी मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से विगत 02-03 वर्षों से दिया जा रहा था। जिसमें आरोपी निशान्त जैन के द्वारा सक्रिय रूप से नक्सलियों के सहयोगी के रूप में अत्यन्त नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा के नक्सलियों को लगातार राशन सामग्री, स्टेशनरी सामग्री एवं नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के माध्यम से खरीद कर नक्सली वर्दी कपड़ा, जूता, वायर, पालिथिन एवं रूपये को अपने कंपनी के लोगों के माध्यम से नक्सलियों के पास ले जाकर सीधे पहुंचाने का कार्य किया जा रहा था,

निशांत जैन जिले के सभी नक्सल प्रभावित इलाका कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा , सिकसोड़, रावघाट, ताड़ोकी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का ठेका अपनी कंपनी लैंडमार्क इंजीनियर के नाम से लिया था और पेटी ठेका के जरिए राजनंदगांव के अजय जैन, कोमल वर्मा, तापस पालित के माध्यम से काम करा रहा था. साथ ही इनके माध्यम से ही इलाके में काम करने में बदले में नक्सलियों तक नगदी रकम और जरूरत के समान पहुंचाने का काम करता था, जिसके बदले में नक्सली इसकी कंपनी के कार्य में कोई बाधा नहीं डालते थे, निशांत जैन ऐसे ही इलाकों में काम कर चंद वर्षों में ही करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन बैठा था.दिल्ली का रहने वाला है निशांत

निशांत जैन मुख्य रूप से गुरूग्राम का रहने वाला है, जो काम की तलाश में 2001-2002 में छतीसगढ़ आया था, जो 20 साल में 600 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया, निशांत अपने फायदे के लिए नक्सलियों की पिछले कई वर्षों से मदद कर रहा था. पुलिस को अभी निशांत के भाई वरुण की भी तलाश है.बड़ा नेटवर्क टूटा – एसपी

एसपी एमआर अहिरे ने बताया कि ‘नक्सलियों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क टूटा है, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है’. एसपी ने बताया कि ‘निशांत जैन अपने साथियों के माध्यम से ही नक्सलियों के संपर्क में आया, जो अंदरूनी इलाकों में काम करने के बदले में नक्सलियों तक नकदी रकम और सामान के लिए पैसे देने का काम कर रहा था. मामले में अभी और भी गिरफ्तारी हो सकती है. आरोपी निशांत जैन से पूछताछ जारी है !