रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना के मुआवजा घोटाला मामला
जगदलपुर – रावघाट – जगदलपुर रेल परियोजना में सौ करोड़ से अधिक राशि का मुआवजा घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने तत्कालिन कलेक्टर सहित सभी आरोपियों को 21 जनवरी को अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई है। इनमें से तत्कालिन अपर कलेक्टर, तत्कालिन एसडीएम सेवा निवृत्त हो चुके है।
ज्ञातव्य हो कि रावघाटजगदलपुर रेल परियोजना में बस्तर जिले के जगदलपुर तहसील में पल्ली में जमीन अधिग्रहण को लेकर मुआवजा वितरण में सौ करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। जिसकी जांच तत्कालिन कलेक्टर श्री तंबोली के द्वारा कराई जा रही थी। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी,फर्जीवाड़ा मामले में प्रशासनिक अधिकारी तत्कालिन अपर कलेक्टर हिरापाल नायक तत्कालिन एसडीएम सीयाराम कुरे तहसीलदान दीनदयाल मंडावी, तत्कालिन आइआई एवं वर्तमान नायब तहसीलदार अर्जुन श्रीवस्तव, पटवारी धर्मनारायण साहू एवं उप पंजीयक कार्यालय बाब कौशल ठाकर को दोषी मानते हए प्रकरण दर्ज कराया गया था। जांच में यह पाया गया था कि जमीन मालिक से सांठगांठ कर इन जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा शासन को करोड़ों की चपत लगाई गई थी।
हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिजः
जानकारी के अनुसार तत्कालिन अपर कलेक्टर वर्तमान में सेवा निवृत्त हिरालाल नायक के अग्रिम जमानत क्र.1285/2020, तत्कालिन एसडीएम वर्तमान सेवानिवृत्त सीयाराम कुरे, तत्कालिन तहसीलदार दीनदयाल मंडावी. नायब तहसीलदार अर्जुन श्रीवास्तव अग्रिम जमानत याचिका क्र.1392/2020 पटवारी धर्मनारायण साहू उप पंजीयक कार्यालय बाबू का याचिका क्रं.1402/2020 है इन लोगों के द्वारा गाई गई अग्रिम याचिका के आवेदन की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट में 14 जनवरी को की गई थी हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति श्री प्रशांत कुमार मिश्रा के द्वारा 21 जनवरी 2021 को आदेश पारित किया गया जिसमें सभी आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है।
आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि जिम्मेदार पदों पर रहते हए आरोपियों द्वारा गंभीर अपरध किया गया है और शासन के सौ करोड़ से अधिक की राशि को नुकसान पहुंचाते हुए जनता के राशि का दुरूपयोग किया गया है |