इंडोनेशिया की शिल्पकला यूरोपीय देशों में होती है एक्सपोर्ट

0
112

उद्योग मंत्री ने हेंडीक्राफ्ट के वितरकों से चर्चा कर छत्तीसगढ़ के आईटम्स को एक्सपोर्ट करने पर हुए सहमत
400 साल पुराने सरस्वती मंदिर में किया दर्शन

जगदलपुर। जी-20 एवीपीएन वैश्विक सम्मेलन में शामिल होने उद्योग मंत्री कवासी लखमा प्रतिनिधि मंडल के साथ यात्रा के दूसरे दिन उबूद पहुंचे। वहां पर लकड़ी पर कारीगरी को देख हेंडीक्राफ्ट के वितरक से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने 400 साल पुराने उबूद पैलेस में विजिट कर सरस्वती मंदिर में दर्शन किए। हेंडीक्राफ्ट के कारीगरों ने बताया कि इंडोनेशिया से यूरोपीय देशों में बहुत ज्यादा शिल्पकला के सामान एक्सपोर्ट होता है। हेंडीक्राफ्ट आइटम्स में कई समान छत्तीसगढ़ के शिल्पकारों द्वारा बनाए गए उत्पाद से मिलता जुलता है और उनकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी है। उद्योग मंत्री ने कहा हमें भी एक्सपोर्ट पर बहुत ध्यान देने की आवश्कता है। इस विषय पर काफी चर्चा हुई और वहां की शिल्पकला की बारीकियों को समझा गया। जी-20 एवीपीएन वैश्विक सम्मेलन में लगभग 20 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। आज की बैठक में राजश्री सेन इंडिया हेड सीसेम स्ट्रीट जो बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करती है। रोनित कंवर पार्टनरशिप लीड श्मिट फ्यूचर्स जो कॉलेज के बच्चों को वर्कफोर्स तैयार करने में कार्य करती है तथा शिव कुमार फाउंडर कैटलिस्ट फाउंडेशन जो ग्रीन इंडस्ट्री के विकास तथा उसके लिए ईकोसिस्टम तैयार करने का काम करती है। ये सभी संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं एवं ये सभी छत्तीसगढ़ में काम करने के लिए अपनी रुचि प्रदर्शित की है। बैठक में सीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक पी. अरुण प्रसाद एवं ओपी बंजारे उपस्थित रहे।