सेल के कैप्टिव माइंस तालडीह को अदानी को देने के खिलाफ प्रदर्शन

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उड़ीसा स्थित सेल के तालडीह माइंस को अदानी को देने के खिलाफ आज स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर सेल के सभी संयंत्र एवं खदानों में सीटू ने प्रदर्शन किया जिसके तहत सीटू राजहरा ने माइंस आफिस गेट में प्रदर्शन कर सभा किया।

उल्लेखनीय है कि सेल राउरकेला स्टील प्लांट की केप्टीव माइंस तालडीह आयरन ओर माइंस को केंद्र सरकार द्वारा अदानी को दिये जाने के विरोध में तालडीह माइंस में लगातार 12 दिनो से हड़ताल चल रहा है। केन्द्र सरकार ने उड़ीसा बीजेपी सरकार का सहारा लेकर पुलिस बल का उपयोग करते हुये हड़ताल को तोड़कर अदानी ग्रुप के लोगों को खदान में घुसा दिया। आज भी वहां लोग आंदोलन मे बैठे है। जिसके समर्थन में सेल के सभी इकाइयों में आज विरोध कार्यवाही की गई ।

इस अवसर पर यूनियन के अध्यक्ष पुरषोत्तम सीमैया ने कहा कि

केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सार्वजनिक उद्योगों को खत्म करने में लगा हुआ है।आर एम डी सेल की माइंसो का एक बहुत बड़ा ग्रुप था जिसे निजी हाथों में सौंपने हेतु आर एम डी को तोड़ा गया जिससे निजीकरण की राह आसान हो जाये। उस समय भी हमने आर एम डी के विघटन का विरोध किया था।

निजी मालिकों के हाथों सार्वजनिक उद्योगों को देने हेतु परिस्थितियों को निर्माण करने का काम केंद्र सरकार ने तेजी से किया गया है ।जो देश के लिए घातक है।

यूनियन के सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि

पूरे देश के अंदर केंद्र सरकार की सार्वजनिक उद्योग विरोधी निर्णय के खिलाफ संघर्ष जारी है केंद्र सरकार अदानी समूह एवं अन्य दूसरे निजी उद्योगों को सार्वजनिक उद्योग सौंप देना चाहती है यदि इसे अभी नहीं रोका गया तो अदानी समूह एवं केंद्र सरकार देश की रीढ़ कहीं जाने वाले सभी सार्वजनिक उद्योगों को निगल जाएगा ।

यूनियन के उपाध्यक्ष विनोद मिश्रा ने कहा कि अब केंद्र सरकार ने सेल के इकाइयों को निजी हाथों में सौपना शुरू कर दिया है लंबे समय तक भद्रावती स्टील प्लांट, सालेम स्टील प्लांट और दुर्गापुर एलॉय स्टील प्लांट के लिए योजना बनाकर काम करता रहा I कोल माइंस को तो पहले ही निजी हाथों में देने का काम शुरू कर दिया था। अब इस्पात उद्योग की सबसे आवश्यक एवं अभिन्न अंग आयरन ओर माइंस को निजी हाथों में देने का कार्य प्रारंभ कर दिया है इसके खिलाफ सेल के सभी इकाइयों में संघर्षों को तेज करना होगा अन्यथा आने वाले दिनों में भिलाई इस्पात संयंत्र की सभी केप्टीव माइंस को भी निजी हाथों में दिया जा सकता है।

प्रदर्शन के दौरान उपस्थित खदान कर्मियों ने संकल्प लिया की सेल के किसी भी इकाई को हम निजीकरण नहीं होने देंगे, और इसके लिए निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। धरना प्रदर्शन के दौरान ही प्रबंधन के नाम से एक ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें तालडीह माइंस को अदानी से वापस लेने की मांग की गई तथा किसी भी इकाई को निजीकरण नहीं किए जाने का की मांग रखी गई।

ज्ञानेन्द्र सिंह

कार्यकारी अध्यक्ष

सीटू राजहरा ।