उपेक्षा : 2 वार्ड पंचों ने बताया सरपंच सचिव ने अक्टूबर-नवंबर में ही सड़क बनाने एडवांस राशि का कर लिया आहरण और अब तक नहीं बनी सड़क…
जगदलपुर… छत्तीसगढ़ सरकार की पहली प्राथमिकता रही है कि गांव के गरीब लोगों तक विकास को किसी भी हाल तक पहुंचाया जाए और इस तरफ कदम बढ़ाते हुए शासन लगातार प्रयासरत भी दिखती है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार गांव की व्यवस्थाओं को सुधारने कई योजनाएं चला रही हैं इसके साथ-साथ गांव की लोगों की मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखते हुए रोड, पुलिया, सड़क और नाली की स्वीकृति देने में भी सरकार पीछे नहीं हट रही है |
लेकिन यह कैसी विडंबना है कि सड़क की स्वीकृति देने के बाद भी ग्रामीण सीसी सड़क के लिए तरस रहे हैं पूरा मामला जुड़ा है शहर सीमा से लगे ग्राम पंचायत आसना से… जहां सीसी सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद भी अब तक सीसी सड़क निर्माण नहीं हो पाया है इसके पीछे सबसे बड़ी वजह आसना के सरपंच और सचिव की आपसी सांठगांठ और लापरवाही है दरअसल आसना के तामाकोनी क्षेत्र के लोग सड़क की स्वीकृति मिलने के बाद भी कीचड़ युक्त सड़क में चलने को मजबूर हैं इस क्षेत्र में रनु दुकान से चंदरू घर तक 100 मीटर सीसी सड़क निर्माण के लिए 3 लाख 45 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी जिसके बाद क्षेत्र के ग्रामीणों में सड़क निर्माण के प्रति उत्साह देखा जा रहा था लेकिन आसना सरपंच प्रवीर देहारी और पंचायत सचिव सीताराम यादव की बड़ी गंभीर लापरवाही के चलते लोगों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है पंचायत के 2 वार्ड पंचों ने जानकारी देते हुए बताया कि सरपंच और सचिव ग्राम पंचायत आसना ने इस सड़क को बनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में ही एडवांस राशि का आहरण कर लिया है एडवांस जारी होने के 8 महीने बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है इससे यह बात साफ पता चलती है कि पंचायत के लापरवाह सरपंच और सचिव को जनपद पंचायत जगदलपुर के सीईओ का काफी समर्थन और संरक्षण प्राप्त है मोहल्ले के ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि निर्माण सामग्री सड़क निर्माण वाली जगह पर पिछले वर्ष से यानि 8 महीनों से यूं ही पड़ा – पड़ा खराब हो रहा है कई बार सरपंच प्रवीर देहारी और पंचायत सचिव सीताराम यादव से सड़क बनाने मिन्नतें की गई बावजूद इसके सड़क का निर्माण आज पर्यंत तक नहीं हो पाया है | वर्तमान में जब इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है तब भी इस कच्चे मार्ग का कीचड़ युक्त का होना यह बताने के लिए काफी है कि इस सड़क का निर्माण होना कितना जरूरी है क्योंकि सड़क बनने के लिए चिन्हित यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां की अधिकतर जनसंख्या ज्यादा पढ़ी-लिखी न होने के कारण अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं है जिसका फायदा गांव के सरपंच और सचिव भरपूर तरीके से उठा रहे हैं जब शहर के और जनपद पंचायत के इतनी नजदीक के पंचायत में लापरवाही का यह आलम है तो सुदूर क्षेत्रों में जनपद पंचायत जगदलपुर कितना विकास पहुंचा पा रहा है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है इस संबंध में जनपद पंचायत के सीईओ यतींद्र कुमार पटेल का पूर्व में ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है बावजूद इसके आज तक भी सड़क का निर्माण नहीं किया जा सका है देखने वाली बात यह रहेगी कि कब तक कछुआ गति से विकास पहुंचाने वाला जनपद पंचायत जगदलपुर और ग्राम पंचायत आसना इस सड़क का निर्माण आखिर कब तक कर पाएंगे |
फिलहाल तो कह पाना मुश्किल है सिर्फ आशा ही की जा सकती है वर्तमान परिस्थितियों पर ध्यान दें तो मई का महीना समाप्ति की ओर है अगर यही हाल रहा तो बरसात में इससे भी ज्यादा परेशानियों का सामना ग्रामीणों को करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी लेने वाला अब तक तो कोई नजर नहीं आ रहा जनपद पंचायत जगदलपुर के संरक्षण में चल रहे इस लापरवाही के खेल में कौन-कौन शामिल है अंदाजे के साथ कह पाना तो मुश्किल नजर आ रहा है लेकिन इन सबके बीच क्षेत्र की गरीब जनता बलि का बकरा बन पड़ी है जिनकी सुध लेने वाला अब कोई नहीं रहा |