कांग्रेस की भूपेश सरकार ने कोरोना संकट काल की घड़ी में लाखों गरीब परिवारों को दिया बेहतर रोजगार का अवसर-राजीव शर्मा

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जगदलपुर।राज्य के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशाअनुरूप तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य तेजी से जारी है अब तक निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा रहा है। इस वर्ष राज्य में 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता के संग्रहण का लक्ष्य है और इसका संग्रहण दर वर्ष 2021 में 4 हजार प्रति मानक बोरा निर्धारित की गई है । जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने जिलेवार कोरोना संक्रमण की स्थिति के संबंध में ली गई समीक्षा के दौरान निर्देशित किया था कि राज्य में लघु वनोपजों का कार्य को भी निरंतर जारी रखा जाए ताकि जरूरतमंदों को रोजगार के लिए भटकना ना पड़े और उनकी अतिरिक्त आमदनी भी सुनिश्चित हो। इनमें लघु वनोपज के संग्रहण के दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन तथा आवश्यक सावधानी का पालन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। शहर अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण वनवासियों के जीवकोपार्जन में प्राचीन काल से ही अहम भूमिका निभाता आया है ,राज्य का 44 फीसदी से ज्यादा भू-भाग वनों से आच्छादित है तथा वन संपदा से भरपूर इस राज्य में वन उपज संग्रह लोगों की जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा रहा है। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने शुरू से ही वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के विकास को अपने सरकार की प्राथमिकता में रखा है। वनांचलों में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य करने वालों की सुविधा पर सूबे के मुखिया भूपेश बघेल ने हमेशा फोकस किया है और समय-समय पर उनके हित संवर्धन की दिशा में अहम फैसले लिए हैं खासतौर पर कोरोना संकट और लॉकडाउन जैसे विपरीत परिस्थितियों में भी सरकार ने वनवासियों के हितों का ख्याल रखा और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य को निर्बाध गति से चलने दिया।
श्री शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष भी विश्वव्यापी कोरोना महामारी के दौर में राज्य सरकार के प्रयासों से रिकॉर्ड तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया था, उस दौरान सरकार ने वन संपदा के संग्रहण खरीदी बिक्री को तमाम सुरक्षा मानकों के बीच जारी रखने का फैसला किया। आदिवासियों की जीविका का सबसे बड़ा आधार लघु वनोपज के मद्देनजर सरकार ने इस मामले में अपनी नीति नीयत को बेहद साफ रखा। लॉकडाउन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विवेकपूर्ण निर्णय लेते हुए तय किया कि आदिवासियों की पूंजी को बेकार जाने नहीं दिया जाएगा। लघु वनोपज से आदिवासियों को सालाना होने वाली आय पर किसी तरह के संकट का प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा ,नतीजा यह हुआ कि छत्तीसगढ़ में लघु वन उपज की 90% से अधिक की खरीदी कर पूरे देश में नंबर वन होने का गौरव हासिल कर एक रिकॉर्ड बना लिया था। इस साल भी कमोबेश वैसी परिस्थितियों में वनांचलों में तेंदूपत्ता संग्रहण जारी है और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों का भी कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है। कांग्रेस की भूपेश सरकार की दूरदर्शिता सोच से वन अधिकार कानून के तहत वन भूमि पर मिले व्यक्तिगत सामुदायिक और वन संसाधन के अधिकारों से वनवासियों का जीवन संवर रहा है।