पुलिस व प्रसासन पर हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, जताया खेद
जगदलपुर – सोमवार को चपका में स्टील प्लांट के लिये आयोजित जनसुनवाई के दौरान हुई घटना पर प्लांट के विरोध में बनाई गई संघर्ष समिति ने घटना पर खेद व्यक्त करते हुए एवं पुलिस व प्रसासन पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
संघर्ष समिति के पीली बाई कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर घटना को दुखद बताते हुए कहा है कि जनसुनवाई शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन हो रहा था लेकिन लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने ग्रामीणों पर अभद्रतापूर्वक गाली गलौज से विवाद उतपन्न हुआ उन्होंने कहा कि अधिवक्ता नितिन जैन पर आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासी अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने आये थे ,प्लांट के विरोध में रहे ग्रामीण आदिवासियों पर जातिगत टिप्पणी करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया और अनपढ़,मुरिया माडिया,अज्ञानी,शराबी आदिवासियों कभी नही सुधरोगे प्लांट का विरोध क्यों कर रहे हो हमेशा विकास का विरोध करते हो जैसे अभद्र शब्दों का प्रयोग करने से आदिवासी समुदाय का अपमान हुआ एवं भावना को ठेस पंहुचाया इसलिए स्वतःही लोगों में आक्रोश बढा और घटना घटी विवाद बढ़ने पर पुलिस के जवान बीच मे आने से उन्हें चोट लगी जो को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
आगे उन्होंने कहा कि जनसुनवाई को बीच मे अचानक रोकना और धारा 144 के बावजूद जिला प्रसासन द्वारा जनसुनवाई करना भी गलत है क्यों ग्रामीणों द्वारा इस सम्बंध में पूर्व में कलेक्टर को ज्ञापन देकर फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव की जांच करने व कोविड काल में धारा 144 के दौरान जनसुनवाई नही करने का अपील किया गया था ऐसे में जिला प्रसासन का रवैया भी सन्देहास्पद है।
12 गांवों के लोग देंगे गिरफ्तारी –
संघर्ष समिति ने बताया कि कुछ लोगों पर जबदस्ती पुलिस को दबाव बनाकर एफआईआर करवाया जा रहा है,अगर एफआईआर से गिरफ्तारी की जाती है तो सभी 12 गांवों के ग्रामीण गिरफ्तारी देने तैयार हैं क्योंकि जनहित के मुद्दे को लेकर हितों की लड़ाई लड़ा जा रहा है। और प्रशासन द्वारा 144 लगाकर उल्लंघन को भी मनमानी बताते हुए कोर्ट में चुनोती देने की बात कही है।