जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर वह बात दोहराई है जिसमें बस्तर जिले के प्रथम प्रवास पर आने के दौरान उन्होंने कहा था कि वह माओवाद पीड़ित आदिवासियों व सुरक्षा बलों से बातचीत कर रहें हैं किंतु संविधान विरोधी मानसिकता वाले माओवादियों से बात नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माओवादियों के पैरोकारों का नाम लिए बगैर कहा कि बस्तर के कुछ लोगों द्वारा उनके हिमायती बन रहें हैं जबकि बस्तर में माओवादियों द्वारा कत्लेआम जारी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने सर्वआदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि उनकी सरकार शांति व विकास के लिए कटिबद्ध है।उन्होंने यह भी कहा कि वे हर उस व्यक्ति से चर्चा करने के लिए तैयार है जो भारत के संविधान में आस्था रखते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा की आदिवासी समाज तो हमारा अपना परिवार है उससे तो मैं हर समय बात करने के लिए तत्पर हूं।मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के प्रतिनधियों से कहा कि बस्तर हो या सरगुजा अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है।उन्होंने प्रतिनिधिमण्डल से कहा कि इन इलाकों में, जिस गांव में विकास के जो काम वे चाहते है वो मंजूर किए जाएंगे।उन्होंने यह भी कहा की इन इलाकों में 12वीं पास युवाओं को 50-50 लाख रुपए तक के ठेके दिए जाने का प्रावधान है इसके लिए समाज के युवाओं को आगे आना चाहिए।
प्रतिनिधिमण्डल ने बस्तर इलाके में नक्सलियों द्वारा ध्वस्त किए गए स्कूल, आश्रमों के पुनर्निर्माण की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तत्काल अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमण्डल की मांग पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक को अविलम्ब बुलाने के निर्देश दिए है।