महिलाओं ने भुतहा तालाब में मछली पालन कर जीविका चलाने की करी थी आस… प्रशासनिक अव्यवस्था के चलते अब तक नहीं मिला रोजगार…

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जगदलपुर… स्थानीय स्व सहायता समूह को मछली पालन करने से रोकने और अन्यत्र जगह की महिला समूह को जबरन थोपने का मामला सामने आया है जहां आवेदन देने के बाद भी प्रशासन अब तक महिलाओं को राहत देने की बात कह रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार हाउसिंग बोर्ड 440 फ्लैट के बाजू में ऐतिहासिक भूतहा तालाब मौजूद है जो कि आदि काल से ग्राम वासियों का आस्था का केंद्र रहा है पूर्व में समस्त ग्राम वासियों के द्वारा सामूहिक रूप से एकजुट होकर पारंपरिक मत्स्य आखेट कर पर्व बनाया जाता था तथा पंचायत के द्वारा मछली पालन का कार्य किया जाता रहा है किंतु शहरीकरण का विस्तार होने के कारण उक्त तालाब का अस्तित्व खतरे में था तालाब के मेड़ पर रोड, व मकानों का निर्माण कार्य तेजी से किया गया था जिसकी सुध लेकर ग्राम वासियों ने जिला प्रशासन में अपनी शिकायत तालाब को लेकर दर्ज कराई, जिसके फल स्वरुप प्रशासन हरकत में आकर नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण मुक्त किया था लगातार सुर्खियों में रहा भूतहा तालाब के संरक्षण देखरेख एवं क आजीविका पार्जन हेतु स्थानीय महिला श्यामा साख समूह के द्वारा 29/3/2013 में मछली पालन हेतु अभ्यस्त आवेदन प्रस्तुत किया था किंतु आज पर्यंत तक उक्त आवेदन पर कोई विचार ना करके बगैर उद्घोषणा के अपने अपने मनपसंद वह चाहिते किसी अन्य समिति को प्रदान किया जाना यह न्याय उचित प्रतीत नहीं होता पूर्व में दिए गए आवेदक श्याम साख समूह के महिला समिति के द्वारा फैसले को न्यायोचित नहीं ठहराया गया है।

स्थानीय वार्ड पार्षद एवं बीजेपी के करीबी और दबदबा वार्ड में होने के कारण तथा राजनीतिक द्वेष के चलते निगम की सामान्य सभा से आनन फानन में पास करं दिया गया, किन्तु पूर्व मे दिए गए आवेदन का निराकरण ना करके अपने चहेते समिति को तालाब आवंटन किया जाना निगम प्रशासन के अनेको कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है,जबकी ऐसे कई अनगिनत आवेदन पत्र लंबित होगे जिनकी सुधी लेने वाले कोई नहीं है।जिसका खामियाजा निगम के अन्तर्गत आने वाली जनता भुगत रही है,चाहे वृद्धावस्था पेंशन हो,या आवास के लिए हो या साफ सफाई से लेकर सारी व्यवस्था निगम प्रशासन के देख रेख में ही होती है,किन्तु यहां जब संबंधित अधिकारी से बात करने पर ..”हमारे पास एक काम नहीं है”..ऐसे गोलमोल जवाब देकर अपना पलड़ा झाड़ दिया जाता है,ऐसे में आमजन को निगम से बैरंग लौटते देखा जा सकता है।संम्धित भुतहा तालाब के वर्तमान स्थाई समिति संबंधित क्षेत्र से भी नहीं है और तालाब की साफ-सफाई भी नहीं की जा रही है तालाब में अवैध रूप से बगैर सूचना के 10 वर्षों के लिए 15 जून तक प्रदान किया जाना निगम प्रशासन एवं निगम सामान्य सभा की बैठक की भी कई सवालिया निशान हैं वैसे भी जगदलपुर नगर निगम के कांग्रेसी कार्यकर्ता आजकल सुर्खियों में है शायद यह कारण भी हो की दंबाव में फैसला लिया हो, दबंगई भी चरम सीमा पर है जबकि नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय जी को भी संबंधित तालाब के विषय को लेकर संज्ञान में लाया गया था किंतु कुछ सकारात्मक परिणाम ना आने से दिनांक 4/2/2021 को स्व सहायता समूह के गरीब महिलाओं के द्वारा पुन: माननीय जिला कलेक्टर महोदय को अपनी व्यथा बता कर आवेदन दिया एवं उक्त तालाब का पुनर्विचार कर स्थानीय निवासियों के हित में श्यामा महिला स्व सहायता समूह को प्रदान करने के लिए निवेदन कर मांग किया गया है जिसमें जिलाधीश महोदय ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था किंतु आज पर्यंत तक उचित सुनवाई ना होने पर महिला समूह में मायूसी का माहौल बना हुआ है |

अब देखना यह है कि पूर्व में दिए गए आवेदन पर विचार किया जाता है अथवा अपने करीबी समिति का यूं ही अवैध कब्जा बरकरार रहेगा स्थानीय महिलाओं को दरकिनार कर छल पूर्वक अन्य जगह के समूह को कार्य दिया जाना कहीं ना कहीं प्रशासनिक अव्यवस्था और ढुलमुल रवैया को लेकर सवाल उठाता है अब देखना है यह है कि पूर्व में दिए आवेदन पर कार्यवाही होती है अथवा महिलाओं को अभी भी लंबा संघर्ष करना पड़ेगा।

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