(अर्जुन झा)
जगदलपुर। पेगासस जासूसी मामले में दिल्ली से लेकर रायपुर होते हुए बस्तर तक सियासत गरमा गई है। मुख्य्मंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के रिश्तों की जांच कराई जाएगी। पेगासस की टीम छत्तीसगढ़ आई थी। जवाब में डॉ. रमन सिंह का कहना है कि चार साल बाद याद आई है। वे हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं। इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ढेर सारे तथ्यों का हवाला देते हुए भाजपा की केंद्र सरकार से लेकर राज्य की पूर्ववर्ती रमन सरकार को निशाने पर लिया है और छत्तीसगढ़ में भी जासूसी की आशंका जताई है। कांग्रेस राजीव भवन से राजभवन पैदल मार्च के जरिए इस मामले पर आक्रामक अंदाज में है तो लगे हाथ बस्तर की राजनीति में भी यह सरगोशी महसूस की जा रही है कि क्या अब जासूसी कांड को झीरम कांड और नक्सली मूवमेंट के मद्देनजर राजनीतिक हवा दी जा सकती है। कहा जा रहा है कि जब ढेर सारे लोगों की जासूसी के आरोप सामने आ रहे हैं तो इस संभावना से क्या इंकार किया जा सकता है कि बस्तर में नक्सली गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कोई खुफिया उपाय किया जा सकता है?
बारिश के मौसम में धरती का तापमान कम होता जा रहा है तो जासूसी मामले को लेकर सियासी पारा लगातार बढ़ रहा है। संसद सत्र के दौरान सदन में सरगर्मी तेज है तो सदन से बाहर कांग्रेस ने इस मामले को राजनीति के मैदान में भाजपा को घेरने पूरी तैयारी कर रखी है। यहां राज्य के मानसून सत्र में अगर भाजपा की ओर से कांग्रेस की सरकार पर वादे पूरे नहीं करने को लेकर सियासी हमला बोलने की तैयारी कर रखी है तो कांग्रेस पहले से ही जासूसी मामले को लेकर भाजपा के हौसले पस्त कर देने के मूड में है। जासूसी मामले में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है तो राज्य में भाजपा के नेता कैबिनेट की बैठक में चुनावी वायदे पूरे करने संबंधी कोई चर्चा नहीं होने पर कह रहे हैं कि कांग्रेस की राज्य सरकार अपने वादों पर चर्चा तक नहीं कर रही है तो वादे पूरे कैसे करेगी। भाजपा का कहना है कि सरकार की नीयत ही नहीं है कि जनता से किए गए वादे पूरे किए जाएं। भाजपा कह रही है कि आधे से ज्यादा वक्त गुजर गया लेकिन शराब बंदी सहित तमाम वादे जहां के तहां हैं। भाजपा द्वारा कांग्रेस को राज्य की जनता से किए गए वादे पूरे नहीं करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है तो कांग्रेस केंद्र सरकार से जुड़े मामलों को छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती सरकार से जोड़ कर पलटवार कर रही है। अब बस्तर में बहस का एक मुद्दा यहां के हालात को देखते हुए जासूसी की संभावनाओं को लेकर सामने आने के आसार नजर आ सकते हैं। वैसे अभी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि देश का संविधान देश के नागरिकों को मौलिक अधिकार देता है। नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। मगर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जासूसी करने वाली पार्टी आज सत्ता में बैठी है और इजाराइली साफ्टवेयर पेगासस के मार्फत देश के लोगों की जासूसी कर रही है। मोदी सरकार खुद के मंत्रियों, देश की रक्षा करने वाली सुरक्षा एजेंसी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित देश के पत्रकारों सहित कई वरिष्ठ लोगों की जासूसी कर रही है। उनका कहना है कि मोदी सरकार ने देश द्रोह किया है। मरकाम कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी का नाम भारतीय जासूस पार्टी रख देना चाहिए। मोदी सरकार ने देश के संविधान पर हमला बोल रखा है। पेगासस के जरिए मोदी सरकार देश के लोगों की जासूसी कर रही है। मरकाम का कहना है कि ये जासूसी करने वाली इजराइली कंपनी केवल सरकारों को साफ्टवेयर बेचती है। जाहिर है कि इस मामले में भाजपा की ओर से जो जवाब देश भर में दिया जा रहा है, वही यहां पर भी कहा जा रहा है। लेकिन अब यह सवाल बस्तर की आबोहवा में तैर रहा है कि क्या यहां भी जासूसी हुई है?