घोषणा पत्र में किये गए वादे पूर्ण करे कांग्रेस सरकार–सीपीआई, मुख्यमन्त्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सीपीआई ने दी आंदोलन की चेतावनी

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बीजापुर – गुरुवार को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सीपीआई ने मुख्यमंत्री के नाम बीजापुर एडीएम डॉ हेमेंद्र भुआर्य को ज्ञापन सौंपा है साथ ही मांग पूरी न होने और सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में किये गए वादों को तत्काल पूर्ण न करने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है।

ज्ञापन सौंपने के बाद सीपीआई के जिला सचिव कमलेश झाड़ी ने बताया कि छग में कांग्रेस की भूपेश सरकार ने 2018 की चुनाव में अपने घोषणा पत्र में किए गए वादे पूरे नही कर छग की जनता को गुमराह करने का काम किया है। बस्तर के माओवादी प्रभावित गांवों के हजारों की संख्या में लोग अनेक गंभीर अपराधिक मामलों में जेल में बंद है ‌जिस पर निर्मला बुच कमेटी को अध्ययन व जांच कर जो निर्दोष आदिवासी हैं, उन्हें छोड़ने के लिए सरकार को सुझाना था।

वह काम आगे नहीं बढ़ पाया। फिर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना चुनाव घोषणा पत्र में इस मुद्दे को अहमियत से शामिल किया था। सरकार बनने के बाद इस पर न्यायाधीश पटनायक कमेटी बना दी गई है। इसमें मजेदार बात यह है कि दोनों कमेटियों ने एकरूपता , समानता दिखाते हुए प्रदेश में आबकारी मामलों में जेलों में बंदी है, उन्हें छोड़ने के लिए सिफारिश किया। दोनों सरकार यानि डॉ.रमन व भूपेश सरकार ने इन्हें जेलों से छुड़ाकर प्रशंसा बटोरने का नाकाम कोशिश किए और कर रहे हैं,असल मुद्दा नक्सली मामलों में जो निर्दोष आदिवासी जेलों में बंद है उन्हें छोड़ना था। सरकार बदलने का इस मामले में कोई भी बदलाव नही हुआ।

अर्थात आदिवासियों को बेवकूफ़ बनाने की प्रक्रिया अब भी बदस्तूर जारी है। जिसका खामियाजा बस्तर के आदिवासी भुगत रहे हैं। इस ज्ञापन देने के दौरान मुख्य रूप से सीपीआई नेता कोवा राम हेमला, संजय झाड़ी, गुंडा तेलाम, प्रकाश गोटा, बोज्जा राम गोटा, उपसरपंच, मुन्ना राम मिच्छा व संनुराम गोटा उपस्थित थे, इन सारे मामलों को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला परिषद बीजापुर ने सरकार से माँग की है कि अविलंब निः शर्त इन मांगों को जन हित में पूर्ण करें।अन्यथा आने वाले दिनों में सीपीआई आंदोलन के लिए बाध्य होगी जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही सरकार की होगी।