(अर्जुन झा)
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मचे संघर्ष ने अब सियासी गैंगवार का रूप धारण कर लिया है। सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक बृहस्पति सिंह ने राज्य के वरिष्ठ मंत्री और ढाई ढाई साल के कार्यकाल की अटकलों के केंद्रबिंदु टीएस सिंहदेव पर जिस तरह निशाना साधते हुए बेहद गम्भीर आरोप लगाया है, उससे दिल्ली तक खलबली मच गई है। बृहस्पति सिंह सरगुजा अंचल के रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र से राज्य की सत्ताधारी पार्टी के विधायक हैं। बीते दिनों उनके काफिले पर हुए हमले के मद्देनजर उन्होंने अपनी ही सरकार के मंत्री सिंहदेव के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने के ठीक पहले सामने आए इस घटनाक्रम ने प्रतिपक्ष भाजपा को तो सरकार को घेरने का मौका दे ही दिया है, लगे हाथ कांग्रेस की अंतर्कलह भी उजागर कर दी है कि एकतरफा बहुमत के साथ राज कर रही कांग्रेस के भीतर क्या चल रहा है। भड़के बृहस्पति सिंह ने एक तरह से सिंहदेव की तुलना आसाराम और गुरमीत राम रहीम से कर दी है। उनके समार्थन में पार्टी के डेढ़ दर्जन विधायक लामबंद हैं तो वे यह मामला राहुल गांधी और सोनिया गांधी तक ले जाने का ऐलान कर रहे हैं। बृहस्पति सिंह ने छत्तीसगढ़ की सियासत में पहले भी खूब सरगर्मी तेज की है। वे भाजपा के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम पर भी गम्भीर आरोप लगा चुके हैं और अब अपनी ही सरकार के मंत्री से उनको खतरा महसूस हो रहा है।इधर भाजपा ने इस मामले में सवाल उठाया है कि जब सत्ताधारी पार्टी का विधायक सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का क्या होगा?
भाजपा कह रही है कि कांग्रेस के सत्ता संघर्ष में कानून व्यवस्था ठप हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के वाहन पर हमले व आरक्षक से मारपीट की घटना और इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के भतीजे की गिरफ़्तारी को गैंगवार निरूपित करते हुए कहा है कि कांग्रेस में चल रहे सत्ता-संघर्ष में जब कांग्रेस के विधायक तक अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं, तो जनता का हाल समझा जा सकता है। क्या इसके बाद भी क़ानून- व्यवस्था को लेकर सरकार उदासीन बनी रहेगी? भाजपा कह रही है कि सत्ता के लिए कांग्रेस नेताओं की छटपटाहट कांग्रेस विधायक के उस कथन से जाहिर होती है कि मुख्यमंत्री के पक्ष में उनकी भूमिका सिंहदेव समर्थकों को बर्दाश्त नहीं हो रही है, इसलिए यह हमला किया गया है। भाजपा ने सवाल किया है कि अपराध मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने का दावा करते सत्ताधीश ही अपराध के मामलों में संलिप्त होंगे तो प्रदेश के विकास की दिशा क्या होगी?