सीसीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से मुलाकात कर अधिग्रहण पर जताया आभार.
छत्तीसगढ़ के सैकड़ों विद्यार्थी और उनके मां बाप की जान गले में अटकी हुई थी ऐसे कठिन परिस्थितियों में भूपेश सरकार का आगे आकर मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहण करने के ऐलान को सैल्यूट.
चंदूलाल मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय कॉलेज के अध्ययनरत छात्रों और उनके पालकों ने राज्य के मुखिया माननीय भूपेश बघेल जी का माना हृदय से आभार और जताई खुशियां.
राज्य के संवेदनशील यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी के द्वारा उठाया गया कदम चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के भविष्य के लिए उज्जवल और मील का पत्थर साबित होगा
चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों और उनके पालकों ने राज्य के मुखिया माननीय भूपेश बघेल जी से मुलाकात की मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के निर्णय पर उनका स्वागत करते हुए आभार जताया और कहा कि सरकार ने ना सिर्फ ऐतिहासिक निर्णय लिया है बल्कि राजधर्म का भी पालन किया है कांग्रेस की भूपेश सरकार ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर उनके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए जो साहसिक कदम उठाया वह सराहनीय और छात्रों के भविष्य के लिए उज्जवल व कारगर है उक्त बातें बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा आगे उन्होंने बताया कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग में 2017 बैच के 180 छात्र चतुर्थ वर्ष में अध्ययनरत है मान्यता रद्द होने की वजह से इन बच्चों का अध्यापन कार्य काफी प्रभावित हो रहा है जिसकी चिंता करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की पहल पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बच्चों को अन्य मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में पुनः आबंटन किए जाने का आदेश जारी किया है हॉस्पिटल बोर्ड के राज्य अध्यक्ष और आई एम ए मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क के राज्य संयोजक डॉ राजेश गुप्ता के कथन अनुसार राजीव शर्मा ने बताया कि 2017 के पूर्व बेंच के लगभग 300 मेडिकल छात्र इंटर्नशिप पूरा कर रहे हैं अब वे पीजी नीट की परीक्षा में बैठेंगे छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल एवं संवेदनशीलता से 480 छात्रों का भविष्य सुरक्षित हुआ है जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी बधाई के पात्र है |
छत्तीसगढ़ के सियासी उथल पुथल के बीच एमबीबीएस कोर्स कर रहे छत्तीसगढ़िया बच्चों के भविष्य के साथ किए गए आपके न्याय के बावजूद इस मानवीय न्याय के खिलाफ जो भी खबर चल रही हैं वह वास्तव में बेहद आक्रोशित करने वाली है शर्मा ने कहा कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का सरकार द्वारा अधिग्रहण बेहद प्रशंसनीय कदम है ना केरियर के अधर में लटक रहे कॉलेज में अध्यनरत 600 से ज्यादा एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए, बल्कि शिक्षाधानी भिलाई के लिए जो भाजपा सरकार के दौर से एक अदद शासकीय मेडिकल कॉलेज के लिए पिछले 15 सालों से भीख मांग रहा था मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द होने से जिस तरह से 35 से 40 लाख की अपनी जमा पूंजी लगाए हमारे छत्तीसगढ़ के सैकड़ों विद्यार्थियों और उनके मां बाप की जान गले में अटकी हुई थी ऐसे कठिन परिस्थितियों में सरकार का आगे आकर मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहण करने के ऐलान को सेल्यूट करना चाहिए ना कि आरोप-प्रत्यारोप, शर्मा ने कहा कि वैसे भी सरकार ने ऐसे ही एकदम से आकर इस निजी मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहित नहीं किया बल्कि केंद्र द्वारा कुछ स्कोरिंग की कमी से इस कॉलेज की मान्यता रद्द करने के चलते पिछले 2 वर्षों से हमारे यह छत्तीसगढ़िया बच्चे और उनके मां-बाप हाईकोर्ट से लेकर सरकार की चौखट तक बार-बार दस्तक दे रहे थे सरकार इस कॉलेज को अधिग्रहित कर ले, जिस साल इस निजी मेडिकल कॉलेज कि केंद्र ने मान्यता रद्द की थी उसी साल इसी केंद्र सरकार ने यूपी में और कर्नाटक में कई निजी मेडिकल कॉलेज को इससे भी कम ही स्कोरिंग में मान्यता दी गई थी |
एक मेडिकल कॉलेज खोलने की लागत कम से कम 500 करोड़ तक की राशि की आवश्यकता होती है लेकिन जिस तरह से कांग्रेस की भूपेश सरकार ने इस निजी कॉलेज का अधिग्रहण किया तो आज कम से कम भिलाई, दुर्ग क्षेत्र में आम लोगों के लिए एक शासकीय मेडिकल कॉलेज मिल गया वरना यहां के प्रतिभाशाली बच्चों को या तो रायपुर, बिलासपुर या जगदलपुर जाना होता या रुपये 50 लाख खर्च कर निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेना पड़ता केंद्र की मोदी सरकार ने इस साल भी तीन प्रस्तावित शासकीय मेडिकल कॉलेज की मान्यता आखिरी समय में अमान्य कर दी, प्रदेश में एमबीबीएस करने के इच्छुक लाखों विद्यार्थी इस बात को भलीभांति जानते हैं कि 150 सीटों वाले इस शासकीय मेडिकल कॉलेज से उन्हें कितना ज्यादा लाभ मिलेगा क्या आप पिछले 15 वर्षों को भूल सकते हैं जब निजी शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों तक का बेहद पीड़ादायक उत्पीड़न और शोषण किया जाता रहा और पूर्व सरकार की हमेशा की तरह इस मामले में भी अपनी आंखें मुंदी रही, शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़िया बच्चों के भविष्य को बचाने और उनके अनुरोध पर जब इस निजी मेडिकल कॉलेज को सरकार ने अधिग्रहित किया है तो इसमें बुरा क्या है यह राज्य सरकार की उपलब्धि होगी वैसे देश में सरकारी प्रतिष्ठानों या कॉलेज किसी निजी घरानों को बेचती है जैसा आजकल देश में हो रहा है या इस निजी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने इसके साथ शासकीयकरण का कभी अनुरोध नहीं किया होता तो आरोपों के विश्लेषण की कोई बात बनती, यहां तो उल्टा छत्तीसगढ़िया बच्चों के भविष्य को बचाने और उनके अनुरोध पर जब इस निजी मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार ने अधिग्रहित किया तो भाजपा को दर्द क्यों, वैसे सरकारी प्रतिष्ठानों को निजी हाथों में बेचकर उल्टी गंगा बहाने वाले मुनाफाखोरों को अपने बच्चों के भविष्य को बचाने की सूध ही कब रहती है।