दल्ली राजहरा–देश के संसदीय इतिहास में आज राज्यसभा में घटित घटना अत्यंत शर्मनाक है मानसून सत्र के आखिरी दिन आज सरकार के द्वारा इंश्योरेंस बिल जबरिया पास करने का प्रयास किया जा रहा था । जिसका विरोध विपक्षी सांसदों ने किया, फलस्वरूप हंगामा हुआ इस दौरान कुछ मार्शल एवं सत्ता पक्ष के पूरूष सांसदों ने विपक्षी दल के महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की एवं बदसलूकी की । जिससे छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के आदिवासी सांसद फूलों देवी नेताम एवं छाया वर्मा तथा अमी याग्निक को चोटें आई, सत्ता पक्ष के सांसदों द्वारा विपक्षी महिला सांसदों के साथ बदसलूकी करना संसदीय इतिहास की सबसे शर्मनाक घटना है।
बालोद जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रतिराम कोसमा ने बताया कि विपक्षी सांसद महिलाओं की सुरक्षा , महंगाई और किसानों के मुद्दों पर चर्चा करना चाह रहे थे। लेकिन सत्ता पक्ष के सांसद चर्चा करने के बजाए मारपीट पर उतारू हो गये। केंद्र में भाजपा की सत्तारूढ़ सरकार अपने बिलों को पास कराने के लिए जोर जबरदस्ती पर उतर आई है ऐसी सरकार नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि अब तक के इतिहास में सदन में ऐसी घटना कभी नहीं हुई कांग्रेस ही नहीं पूरे विपक्ष को अपनी बात नहीं रखने दिया जा रहा है सरकार अपने हिसाब से सदन को चला रही है संसदीय नियम कायदों को ताक पर रख दिया गया है ऐसे में केंद्र की भाजपा नीत सरकार को सरकार में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बनता |