विकास खण्ड बस्तर के सक्रिय पी यल सी सदस्यों के द्वारा बीईओ बीआरसी के मार्गदशर्न में तैयार किया गया लर्निंग आउटकम सीखने सिखाने का प्रतिफल के सम्बंध में तैयार किए गए। पुस्तक का विमोचन जिला कलेक्टर रजत बंशल, जिला पंचायत सीईओ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी सहायक कलेक्टर सुश्री सुरुचि सिंग के द्वारा किया गया। उक्त पुस्तक में बच्चों की न्यूनतम अधिगम स्तर को ध्यान में रखते हुए। लर्निंग आउट कम कक्षा पहली से आठवीं तक सभी विषयों का पाठ्पुस्तक मे दिया गया है।बीआरसी स्तर पर लर्निंग आउट कम पी एलसी सदस्यों के सहयोग से तैयार किया गया है ।बच्चों की सुगम्यता को देखते हुए शैक्षिक कैलेंडर अनुसार प्रत्येक माह के लिए लर्निंग आउट कम निर्धारित किया गया है ।जिसको ध्यान में रखते हुए शिक्षक अध्यापन कार्य करेंगे और बच्चों में उतनी दक्षता विकसित करेंगे ।
क्या है लर्निंग आउटकम
लर्निंग आउटकम का आशय कक्षा , पाठ्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों द्वारा अर्जित ज्ञान व कौशलों से है , अर्थात लर्निंग आउटकम यह इंगित करते हैं कि सीखने के अनुभव के बाद छात्रों के व्यवहार में कौन-कौन से बदलाव आयेंगे | प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब बच्चों की पढ़ाई के साथ परिणाम भी परखा जाएगा। शिक्षा विभाग के स्कूलों में शिक्षकों को जहां सीखने-सिखाने की प्रक्रिया बताई जाएगी, वहीं बच्चों को मिली शिक्षा को शिक्षण संबंधी परिणाम (लर्निंग आउटकम) के रूप में परखा जाएगा। विभाग ने कक्षा 1 से 8 तक प्रत्येक कक्षा के लर्निंग आउटकम के मानक तैयार किए हैं विभाग के उच्च अधिकारी स्कूलों के निरीक्षण के दौरान इन्हीं मापदंडों के आधार पर शिक्षकों की गुणवत्ता और बच्चों के ज्ञान का आकलन करेंगे।इस अवसर पर एसडीएम गोकुल रावटे, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान,डीएमसी अशोक पांडेय,सीईओ आर के कर,बीईओ मोतीराम कश्यप, बीआरसी राजेन्द्र सिंह ठाकुर,सुशील तिवारी,शैलेन्द्र तिवारी, उपस्थित थे।