बस्तर:- DMFT मद में कार्य कर रहे डॉ० अक्षय पराशर नेत्र विशेषज्ञ के ऊपर कई संगीन भ्रष्टाचार के मामलों में विभागीय जांच लंबित है, इसके बावजूद इन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिला बस्तर में मर्ज करने हेतु डॉ० राजन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक अखिलेश शर्मा द्वारा अनुशंसा कर जिलाधीश को टीप पत्र भेजा गया है।
नेत्र विभाग में अभिलेख चोरी का मामला
शिकायत यह भी है कि डॉक्टर अक्षर पराशर ने 1/9/2020 को अनाधिकृत रूप से अलमारी खोलकर दस्तावेजों से छेड़छाड़ एवं फोटो खींच गया था, जिसके बाद से कुछ दस्तावेज अलमारी से गायब है, जिसकी जांच भी अभी तक लंबित है।
डॉ पराशर के ऊपर लंबित विभागीय जांच।
शहर के मध्य महारानी हॉस्पिटल के सामने स्थित जेके ऑप्टिकल्स नामक चश्मे की दुकान है, जहां जोगेंद्र पाराशर एवं अक्षय पराशर द्वारा सहभागिता के साथ चश्मे की दुकान में व्यापार संचालित की जा रही है। जिसकी जीएसटी पेपर एवं एग्रीमेंट की कॉपी हमारे पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। जबकि डीएमएफटी मद से नौकरी के दौरान संविदा शर्तों का उल्लंघन है।
अक्षय पाराशर द्वारा निविदा में भ्रष्टाचार
जिला अंधत्व निवारण समिति जगदलपुर द्वारा सन 2020 में चश्मा निविदा (टेंडर) किया गया था, जिसमें गैर कानूनी तरीके से शासकीय सेवा में रहते हुए जेके ऑप्टिकल एंड कंपनी ने निविदा में भाग लिया और अपने प्रभाव के चलते यह टेंडर जेके ऑप्टिकल को मिला, परंतु मामले के उजागर होने के बाद पूर्व सीएमएचओ आर.के. चतुर्वेदी द्वारा 3934 दिनांक 27/7/2020 स्पष्टीकरण पत्र अक्षय पराशर को भेजा गया था।
जिसमें अक्षय द्वारा सीएमएचओ को पत्र दिनांक 4/8/2020 में यह लिखित दिया गया दुकान पारिवारिक हैं। जिसे विद्यार्थी समय से औपचारिक रूप से अक्षय पराशर एवं उनके पारिवारिक पार्टनर के नाम से संचालित किया जा रहा है। संविदा करारनामा यह शर्तो के अनुसार अवैधानिक है।
ड्यूटी के दौरान मरीजों को अपने निजी क्लीनिक का पता देना।
सुरेंद्र पांडे नामक व्यक्ति द्वारा महारानी हॉस्पिटल में अपने आंखों का जांच कराने पहुंचे थे जिस दौरान डॉक्टर अक्षय पराशर द्वारा दोहरा लाभ लेने के उद्देश्य से शासकीय अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज को अपने निजी क्लीनिक में बुलाकर उपचार करते हुए फीस वसूला गया था।
जिसके बाद वर्तमान में भी निजी प्रैक्टिस करते हुए श्रीमती रुकमणी नामक महिला का दिनांक 26-3-2021 को क्लीनिक में बुलाकर उपचार किया गया जिसका पर्ची हमारे पाठकों के समक्ष उपस्थित है।
मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला।
नेत्र विभाग के संविदा कर्मचारी तारकेश्वर राव नेत्र सहायक द्वारा शिकायत किया गया था कि उन्हें डॉक्टर अक्षय पराशर ने सेवा से बर्खास्त कराने की धमकी दी थी। कारण यह था कि अस्पताल में आ रहे मरीजों को महारानी हस्पताल का इलाज अच्छा ना होने की बात कह कर बदनामी कर चांदनी चौक स्थित अक्षय पराशर के निजी क्लीनिक में भेजने का दबाव बनाया गया था। जोकि एक प्रकार से गंभीर विषय है।
मामले में हमने सीएमएचओ डॉ राजन से 3:40pm को फोन नंबर 98934 68079 पर जानकारी जाननी चाही उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।