डॉ एस वली आज़ाद
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में जी एस नाग, डिप्टी कलेक्टर, जिला- नारायणपुर उपस्थित थे। कार्यक्रम के अध्यक्षता पूज्य स्वामी व्याप्तानन्द जी महाराज, सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम ने किया है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री मोहन लाल जी, सचिव, छत्तीसगढ़ फुटबॉल असोसिएशन, भिलाई तथा रूबी डेविड, दुर्ग जिला फुटबॉल असोसिएशन के उपाध्यक्ष उपस्थित थे। इस मौके पर आश्रम के सह-सचिव स्वामी अनुभवानन्द जी, स्वामी वसुदानन्द जी, विवेकानंद विद्यापीठ के प्राचार्य स्वामी कृष्णामृतानन्द, उप-प्राचार्य ब्र. अद्वितीयचैतन्य, ब्र. पूर्णचैतन्य उपस्थित थे। विवेकानंद विद्यापीठ के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ में आश्रम के अन्य कर्मचारी वृन्द उपस्थित थे। आश्रम के छात्रावास में अध्ययनरत लगभग 11 सौ बालक-बालिकायें इस कार्यक्रम में भाग लिया।
गुरु वंदना से कार्यक्रम की शुभारंभ हुई एवं सरस्वती वंदना से समापन हुआ। विवेकानंद विद्यापीठ में खेल दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न खेल प्रतियोगिता आयोजित किया गया था। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बालक एवं बालिकाओं को इस मौके पर मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा पुरस्कृत किया गया। इसबार के रक्षा बन्धन में आश्रम के मुख्य केन्द्र नारायणपुर एवं सभी भीतरी केंद्र के बच्चों के लिए 16 बालिकाओं ने 1600 राखी बनायी थी उन 16 बालिकाओं को भी पुरस्कृत किया गया।
साथ ही सबसे सीनियर पांच शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया जो लोग पिछले 30 साल से भी ज्यादा समय से विवेकानंद विद्यापीठ में सेवा दे रहे हैं। उन शिक्षकों का नाम पुतुल सेन, रामचन्द्र देवांगन, एस के पाल, चंदनसिंह सहाने और राजेन्द्र गौतम जी।
इस कार्यक्रम में बच्चों के पसंदीदा शिक्षक के रूप में बच्चों द्वारा वोटिंग के माध्यम से चयनित तीन शिक्षक एवं तीन शिक्षिकाओं को भी सम्मानित किया गया है। वे है – कपिल सोनी, राजेन्द्र बेसरा एवं नारद साहू तथा शिक्षिकाओं में है संध्यारानी डहाके, अनामिका घोष, रानू श्रीवास। इस मौके पर सीता केवट मैडम को भी सम्मानित किया गया जिन्हें राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने बेस्ट एन.सी.सी केडेट अवार्ड से सम्मानित किया था।
मुख्य अतिथि के भाषण में बच्चों को संबोधित करते हुए जी एस नाग जी बोले की, जिस लगन के साथ आश्रम के साधू वृन्द एवं शिक्षक लोग आप लोगों का मार्गदर्शन करते है शायद ही और कही ऐसा बच्चों को मिलता हैं। मोहन लाल जी बोले, मैं पिछले करीब 25 साल से आश्रम से जुड़ा हुआ हूं और मैने लोचन बघेल को आपके जैसे विद्यार्थी के रूप में देखा है जो अभी आपके खेल शिक्षक हैं। भविष्य में आप मे से भी कुछ विद्यार्थी शिक्षक बनेंगे । अध्यक्षीय भाषण में सचिव महाराज जी बोले जिस प्रकार एक पौधे को खींचकर बड़ा नही किया जा लेकिन उस पौधे को बढ़ने के लिए पानी, खाद इत्यादि प्रयोजनीय व्यवस्था कर देने पर वह पौधा धीरे धीरे बड़ा होने लगता है उसी प्रकार आपको हम एक चरित्रवान व्यक्ति बनने के लिए वातावरण तैयार कर देते हैं बड़ा आपको बनना है। और आपको बड़ा बनकर, अबूझमाड़, नारायणपुर, छत्तीसगढ़ एवं भारत का नाम रोशन करना है।
कार्यक्रम के स्वागत भाषण प्राचार्य महाराज ने दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन उप-प्राचार्य महाराज जी ने किया।