(अर्जुन झा)
जगदलपुर। बस्तर में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी द्वारा पार्टी के संभागीय सम्मेलन में कहे गए एक वाक्य ने सियासी दिशा मोड़ कर रख दी है। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक खलबली मचा देने वाला ढ़ाई ढ़ाई साल का सियासी मुद्दा फिलहाल नेपथ्य में चला गया है। इस मुद्दे के केंद्र स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव भी कह चुके हैं कि अभी राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा तय नहीं हुआ है। कहने वाले तो यह भी कह रहे हैं कि हाल फिलहाल राहुल का छत्तीसगढ़ दौरा तय होगा अथवा नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। खबर थी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आग्रह पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बस्तर आने वाले हैं। उनके संभावित छत्तीसगढ़ दौरे के मद्देनजर यह भी कहा जा रहा था कि वे छत्तीसगढ़ में हालात का जायजा लेंगे। लेकिन जैसे जैसे दिन बीतते जाएंगे, वैसे वैसे ढ़ाई ढ़ाई साल के मुद्दे की गरमाहट धीमी होती जाएगी। हालांकि सियासत गरमाए रखने की कोशिश सिंहदेव की ओर से जारी है। बीते रोज मरवाही विधायक ध्रुव के बेटे के निधन पर शोक व्यक्त करने मरवाही से लौटने के दौरान उन्होंने मीडिया से संक्षिप्त चर्चा में कहा कि कांग्रेस विधायकों की संख्या 70 से बढ़कर 72 होने वाली है। ये नए विधायक कहां से आयेंगे, यह उन्होंने नहीं बताया लेकिन इतना जरूर कहा कि ढ़ाई ढ़ाई साल के मुद्दे पर सारी बातें हो गई हैं। वे पहले भी कह चुके हैं कि निर्णय आलाकमान के पास सुरक्षित है। तो, यह सुरक्षित फैसला कब सामने आएगा, इसका कोई अतापता नहीं है।
इस बीच भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के बोल ने ढ़ाई ढ़ाई साल का मुद्दा सियासी गलियारे से गोल कर दिया। उनके बोल का त्वरित जवाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दे दिया था लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री ने तेरह सदस्यीय मंत्रिमंडल में से दस सदस्यों के साथ इस मामले में भाजपा पर हमला बोल दिया तो सियासी सरगर्मी की दिशा ही बदल गई। मुख्यमंत्री ने डी. पुरंदेश्वरी के बोल को किसान से जोड़ दिया। जवाब में भाजपा ने भी किसानों की स्थिति और मौसम की बेरुखी पर फोकस करते हुए कांग्रेस पर निशाना साध दिया। इस तरह अब छत्तीसगढ़ की सियासत में ढ़ाई ढ़ाई साल का मुद्दा गौण और किसान का मान सम्मान तथा सूखा जैसे हालात में उसकी लाचारी का मामला प्राथमिकता में आ गया है।