आंगनबाड़ी कर्मीयो को शासकीय कर्मचारी घोषित करने एवं वेतन वृद्धि की मांग को लेकर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया

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दिनांक 7, 8 अगस्त 2021 को भिलाई में अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ कार्यसमिति की बैठक हुई इस बैठक में आंगनबाड़ी कर्मियों के हितार्थं एक प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित करते हुए आंगनबाड़ी कर्मीयो को शासकीय कर्मचारी घोषित करने एवं जब तक शासकीय कर्मचारी न हो आंगनबाड़ी कर्मियों को न्यूनतम वेतन 18000/-एवं सहायिका को 9000/- प्रतिमाह लागू करें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने सहित अन्य बिंदुओं पर सरकार का ध्यान आकर्षण करने हेतु राष्ट्रव्यापी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया | भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा पूरे देश में वर्ष 1975 से आंगनबाड़ी केंद्रों के समेकित महिला एवं बाल विकास योजनाओं का संचालन हो रहा है जिसमें 2500000 से भी ज्यादा की संख्या में आंगनबाड़ी कर्मी कार्यरत है तथा इस योजना को सफलीभूत कर रहे हैं जिसके अंतर्गत 0 माह से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के पोषण माह प्रारंभिक स्वास्थ्य की देखभाल पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने शिशु स्तनपान, गर्भवती माताओं को, 0 माह से 6 वर्ष के बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी पोषण आहार विटामिन ,प्रोटीन उपलब्ध कराने का कार्य ,बाल संदर्भ सेवाओं का कार्य केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत आंगनबाड़ी कर्मियों के द्वारा किया जा रहा है इसके अलावा राज्य शासन के द्वारा बीएलओ ,आर्थिक जनगणना जनगणना, पल्स पोलियो, फाइलेरिया, राशन कार्ड ओडीएफ,कोविड-19 सर्वे डोर टू डोर, वैक्सीनेशन के प्रचार प्रसार आदि का कार्य आंगनबाड़ी कर्मियों से संपन्न कराया जाता है 8 घंटे से भी अधिक का कार्य आंगनबाड़ी कर्मियों को करना पड़ता है इस प्रकार आंगनबाड़ी कर्मियों को सभी प्रकार के शासकीय कार्य करने के बाद भी आज तक शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं किया गया है ना ही अब तक न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जा रहा है केवल अल्प मानदेय का भुगतान ही आंगनबाड़ी कर्मियों को प्राप्त हो रहा है एवं न ही किसी प्रकार से सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही ।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षण करवाने हेतु 13 सितंबर 2021 एक दिवसीय धरना, प्रदर्शन, एवं ज्ञापन देकर माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार व माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ को अपनी मांगों के समाधान किए जाने की दिशा में सरकार का ध्यानाकर्षण कर ठोस कार्यवाही किए जाने का आग्रह करती है।

13 को देंगे एकदिवसीय धरना और राष्ट्र व्यापी एक दिवसीय धरने पर बालोद जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका शामिल होंगे , जिसमें ईनकी निम्नलिखित मांगे हैं।

मांग पत्र

1.आंगनबाड़ी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी घोषित कर सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाये।

2.आंगनबाड़ी कर्मियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 18000/- सहायिका को 9000/-प्रतिमाह भुगतान किया जाये।

3.नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल में बदलने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्री प्राइमरी टीचर व सहायिका को प्री प्राईमरी असिस्टेंट टीचर में शिक्षण के अनुभव पर उनकी शैक्षणिक योग्यता को देखते हुए प्रशिक्षण देकर पदोन्नति की जाये।

4.आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत कर्मियों को भविष्यनिधि , जीवन निर्वाह भत्ता सेवानिवृत्त
भत्ता, उनके एवं उन पर आश्रितों को चिकित्सा सुविधा, उनके बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा लागू की जाये।

5.मिनी आंगनबाड़ियों को मेन आंगनबाड़ी में बदला जाये व सहायिका नियुक्त की जाये।

6.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की 9 माह की एरियर्स राशि का भुगतान जल्द आंगनबाड़ी कर्मीयो के खाते में किया जाये।

7.पोषण ट्रैकर में कार्य करने हेतु एंड्राइड फोन, सिम, इंटरनेट खर्च की निर्धारित राशि का भुगतान किया जाये।
ये जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साहियका संघ की प्रदेश महामंत्री श्रीमती गुरमीत कौर ने दी और पुरे प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से ईस धरने में शामिल होने की अपील की है।

भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री ने ईस धरने को सफल बनाने के लिए जिले के सभी यूनियनों के अध्यक्ष और महामंत्रियों के साथ बैठक की और इसमें शामिल होने की अपील की है।साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता साहियका संघ के बालोद जिले की श्रीमती आयशा खान और महामंत्री श्रीमती माधुरी रथ ने भी पुरे जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ईस धरने में शामिल होने की अपील की है।

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