शिवप्रकाश के बयान से भाजपा के स्वयंभू मठाधीशों में खलबली पवन साय के बयान के बाद मची सिरफुटव्वल

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रायपुर।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आईटी सेल प्रदेश महासचिव व मीडिया प्रभारी योगेश पानीग्राही ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिव प्रकाश के 90 सीटों में नये चेहरा तलाशने वाली बयान के बाद भाजपा के मठाधीशों में खलबली मची है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर सहित भाजपा के वर्तमान विधायकों की अंतिम कार्यकाल स्पष्ट नजर आ रहा। टिकट कटने और राजनीति खत्म होने के डर से भाजपा के नेता अभी से ऊलजलूल बयानबाजी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को पहले भाजपा के गुटबाजी को खत्म करने के प्रयास करने चाहिए।* श्री पानीग्राही ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा में गुटबाजी की लड़ाई चल रही है यह जनता देख रही है। प्रधानमंत्री जन कल्याण संगठन के सूत्रधार सचिदानंद उपासने से जुड़े लोगों को भाजपा के संगठन मंत्री पवन साय पद छोड़ने की चेतावनी दे रहे हैं। भाजपा के नेता सोशल मीडिया में एक-दूसरे के खिलाफ कैंची और पेट्रोल बॉटल उपयोग करने की बात कर रहे हैं। ऐसे ही मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह मीडिया में बने रहने के लिए आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं।


श्पानीग्राही ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में आकंठ तक डूबा रहा, विकास कार्यो की झूठी गुणगान करते रहे,तब उन्हें सरकार नजर आती था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकर किसानों, युवाओं, मजदूरों, महिलाओं के लिए काम कर रही है।पशुधन, गोपालक के लिए योजना लेकर आ रही है। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, परंपरा, तीज त्यौहार को पुनर्जीवित करने का काम कर रही है। ऐसे में रमन सिंह को सरकार कैसे नजर आएगी? यह वर्ग रमन सिंह सरकार के दौरान सबसे ज्यादा पीड़ित रहे है। कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा में नक्सली हमला हुआ, झीरम घाटी कांड हुआ जिसमें कांग्रेस के प्रथम पंक्ति के नेताओं एवं सुरक्षाकर्मियों की शहादत हुई,उस दौरान छत्तीसगढ़ में सरकार थी? की नहीं थी? झलियामारी बालिका गृह में रेप की घटना हुई, गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा कांड, मीना खलखो कांड, सरखेगुड़ा कांड, एड्समेटा कांड, पेद्दागेलूर ,सोनकु-बिजलु हत्याकांड जैसी घटनाएं, फर्जी आत्मसमर्पण और फर्जी मुठभेड़ में आदिवासियों की हत्याएं जैसे कांड होते रहे। दक्षिण बस्तर के 4 विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद 14 जिलों तक पहुंच गया उस दौरान सरकार थी?की नही थी?