सरकारी भूमि पर शासकीय कर्मी द्वारा अवैध तरीके से किया जा रहा लाल ईंट का निर्माण

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सांसद, एसपी बंगले में कार्य करने की बात कह ग्रामीणों को धमकाता भी है जेल कर्मी

अवैध तौर पर वन कटाई कर ईंट पकाने में किया जा रहा उपयोग

ईंट भट्टे से उठते धुंए से आसपास के ग्रामीण एवं राहगीर परेशान

जगदलपुर/कालीपुर

शासन द्वारा बनाये गए नियम कानून को ताक में रखकर केन्द्रीय जेल में पदस्थ जेल कर्मी द्वारा शहर से सटे ग्राम पंचायत कालीपुर में शासकीय जमीन पर अवैध रूप से लाल ईंट का निर्माण किया जा रहा है. आसपास के लोगों द्वारा इसका विरोध करने पर जेल कर्मी होने का धौंस जताते हुए 0.69 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध रूप से लाल ईंट का निर्माण लगातार किया जा रहा है. उक्त जेल कर्मी के अनुसार वह जेल के अलावा पुलिस अधीक्षक बंगला, सांसद बंगला में भी देखरेख का कार्य करता है अतः जो भी मेरे द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करेगा उसका क्या हश्र होगा वह स्वयं ही समझ सकता है.

मिली जानकारी के अनुसार, केन्द्रीय जेल में पदस्थ उक्त जेल कर्मी लखीराम द्वारा ग्राम कालीपुर में अवैध रूप से लाल ईंट निर्माण कर उसे बेचने का कार्य पिछले कई महीनों से किया जा रहा है. इस मामले में पंचायत के पञ्च-सरपंचों ने जानकारी दी है कि उक्त जेल कर्मी जो स्थानीय केन्द्रीय जेल, सांसद बंगला और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में देखरेख का कार्य करता है, अपने पद का रुतबा दिखाकर पंचायत के बनाये नियम-कानून की अवमानना कर जबरदस्ती ईंट निर्माण का कार्य कर रहे हैं. हालाँकि, पंचायत के अनुमति के बाद पंचायत निवासी स्वयं के उपयोग के लिए लाल ईंट का निर्माण कर सकते हैं लेकिन, उक्त जेल कर्मी द्वारा व्यापारिक दृष्टिकोण से पंचायत कालीपुर के सरकारी भूमि पर कब्ज़ा कर ईंट का निर्माण कर रहे हैं और उसे बेच भी रहे हैं.

पंचायत निवासियों के अनुसार, निर्माण के बाद ईंट को पकाने के दौरान उससे निकलने वाले धुंए से आसपास के लोग काफी प्रभावित हो रहे हैं. कई लोगों ने उक्त ईंट भट्टे से निकलने वाले धुंए के कारण आँखों में जलन एवं कई प्रकार के स्वांस जन्य बीमारी के होने की बात भी कही है. इसके अलावा उक्त जेल कर्मी आसपास के हरे-भरे वृक्षों को भी काटकर अपने भट्टे में ईंटों को पकाने हेतु उपयोग कर रहा है.

मामले में जेल कर्मी लखीराम का कहना है कि उसके द्वारा पंचायत में 50 हज़ार ईंट बनाने का चालान पटाया गया और खनिज व पर्यावरण विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गयी है. मेरे भट्टे के अलावा उसी जगह तीन भट्टे और हैं. जिस जमीन की बात हो रही है उसे ख़रीदा गया है और फ़िलहाल उनके भट्टे को जलाया नहीं गया है.

खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा ने कहा कि मामला गंभीर है, जांचोपरांत उचित कार्यवाई की जाएगी.