अवैध शराब बिक्री सम्बंधित समाचार के प्रकाशन से बौखलाया आबकारी सिपाही, चहेतों के माध्यम से पत्रकार के निवास पर करवाया हमला, जानकारी मिलते ही कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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जगदलपुर

छत्तीसगढ़ में अवैध शराब बिक्री पर लगाम लगाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक फरमान जारी किया गया था, जिसके अनुसार किसी भी जिले के थाने से सम्बंधित इलाकों में अगर अवैध शराब की बिक्री होती है और उस पर पुलिस द्वारा उचित कार्यवाई नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जावेगी. इसी आदेश में यह भी स्पष्ट था कि अगर अवैध शराब बिक्री के खिलाफ कोई भी जन-संगठन अथवा उस क्षेत्र के महिला संगठन द्वारा सीधे शासन को सुचना देती है, तो उस पर तत्काल कार्यवाई करते हुए उस जिले के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ भी कार्यवाई की जा सकती है. महानिरीक्षक के इस फरमान के साथ ही पुलिस विभाग द्वारा कड़ी कार्यवाई करनी शुरू कर दी गयी. बस्तर जिले जैसे संवेदनशील क्षेत्र में आदिवासियों के बीच अवैध शराब बिक्री पर पुलिस द्वारा कार्यवाई करने हेतु आबकारी विभाग से भी मदद की अपेक्षा की गयी थी लेकिन, समूचे जिले में पुलिस को तब आश्चर्य हुआ जब मालूम पड़ा कि आबकारी विभाग के ही कुछ कर्मचारी अवैध शराब बिक्री कराने हेतु स्थानीय कोचियों को उनकी सुविधा के अनुसार उन्हें पुलिस की आंख से बचाकर शराब उपलब्ध कराने में लगे हैं.

यहाँ विदित हो कि आबकारी विभाग के ऐसे कर्मचारियों के कृत्य पर जब इसी विभाग के उच्चाधिकारियों से भी चर्चा कि गयी तो उन्होंने ऐसे किसी भी मामले में अपने विभाग के किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता से साफ़ इंकार कर दिया. लेकिन, शहर के जन-मानस में हो रही चर्चा के अनुसार, आबकारी विभाग के ही एक सिपाही द्वारा दर्जनों कोचियों को अवैध रूप से उनके ठिकानों तक शराब सुलभ कराया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों से जन-मानस की आकाँक्षाओं के अनुसार, अवैध रूप से ऐसे शराब विक्रेता एवं उन्हें शराब उपलब्ध कराने वाले कर्मचारी के खिलाफ लगातार समाचार का प्रकाशन किया जा रहा है. ऐसे समाचारों के प्रकाशन से बौखला कर आबकारी विभाग के उक्त सिपाही द्वारा अपने कुछ चहेते कोचियों के माध्यम से समाचार प्रकाशन करने वाले पत्रकार के धरमपुरा स्थित निवास पर मध्य रात्रि हमला कराया गया. करीब तीन की संख्या में आये कुछ स्थानीय शराबियों ने समाचार प्रकाशन को लेकर उनके घर के सामने काफी गाली-गलौज कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी.

हमलावर, समाचार प्रकाशन को लेकर इतने उत्तेजित थे कि उन लोगों ने लात, डंडे और पत्थरों से मकान के मुख्य द्वार पर हमला किया. हालाँकि, स्थानीय एडिटर उस वक़्त घर पर मौजूद नहीं थे लेकिन उसी मकान पर निवासरत उनके मित्र ने इस सारी घटनाक्रम की जानकारी अपने संपादक मित्र को दी. समाचार प्रकाशन से उपजे विवाद और सरेआम रात्रि-पहर घर पर हमले से क्षुब्ध उक्त पत्रकार द्वारा इस सारे मामले की जानकारी बस्तर जिला पत्रकार संघ के सभी साथियों को दी. जानकारी मिलते ही एक आपात बैठक स्थानीय पत्रकार भवन में ली गयी जिसमें ऐसे हमलावर लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई करने हेतु निर्णय लिया गया. पत्रकार संघ के ही कुछ साथियों ने रात्रि-पहर हमला करने वाले दो लोग जिसकी पहचान रात्रि-पहर घटना स्थल पर मौजूद व्यक्ति द्वारा की गयी थी, उससे चर्चा करने की कोशिश की गयी. लेकिन, उक्त पहचान किये गए हमलावरों द्वारा इस मामले में कोई भी जानकारी देने में आनाकानी करने के बाद निर्णय लिया गया कि इस मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट स्थानीय थाने में की जाए. इसी निर्णय के आधार पर 26 सितम्बर 2021 को पत्रकार द्वारा दो हमलावर आरोपियों के खिलाफ थाना बोधघाट में शिकायत कर सारे मामले की जांच की मांग की गयी है.

यहाँ गौरतलब हो कि, जिला पत्रकार संघ के सभी साथियों ने जिला पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि ऐसे हमलावर जो कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो, इनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाए. हालाँकि, इस मामले में जिला कलेक्टर रजत बंसल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए उक्त आबकारी सिपाही जिसके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है उनके उच्चाधिकारी एवं जिला पुलिस अधीक्षक से तत्काल चर्चा करने की बात कही है.