बस्तर संभाग के जिला शिक्षा अधिकारी को नियमों का ज्ञान नहीं : जेडी

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जेडी के आदेशानुसार स्कूलों की मान्यता निरस्त :डीईओ

बस्तर अंचल के 38 निजी स्कूलों की मान्यता निरस्त

जगदलपुर – केन्द्र एवं राज्य सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर जुटी है तो वहीं शिक्षा विभाग के अफसर आपसी खींचातानी कर शासन की छवि को धूमिल करने में जुटे हुए है। बस्तर जिले के 30 से अधिक निजी स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी गई है जिससे हजारों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूलों की मान्यता निरस्त होने की खबर से पालकों को भी चिंता सताने लगी है। कुछ पालकों ने तो स्कूल पहुचकर सचालक से मुलाकात कर मामले की जानकारी भी ली।

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग में संचालित 38 स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी गई है जो नियम विरुद्ध मान्यता लेकर संचालित की जा रही थी।

शिक्षा अधिकारी को कानून का ज्ञान नहीं: शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय ने बताया कि बस्तर संभाग में जिला शिक्षा अधिकारी की मनमानी चल रही है। उन्होंने कहा कि संभाग के जिला शिक्षा अधिकारी को शिक्षा के अधिकार के कानून की जानकारी नहीं है। उपाध्याय ने कहा कि 9 से 12 कक्षा तक के स्कूलों के संचालन की मान्यता देने का अधिकार संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग को है लेकिन बस्तर संभाग के 38 ऐसे स्कूल है जिन्हे जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मान्यता दी गई है जो नियम विरूद्ध है। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मान्यता दी गई 38 स्कूलों की मान्यता निरस्त कर दी गई है। सभी शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि उन सभी स्कूलों को वहां आवेदन करने का कहा जाएं जहां मान्यता दी जाती है।

उन्होंने कहा कि 8 से 9 स्कूलों की मान्यता हेतु आवेदन प्राप्त हुआ था उन स्कूलों को मान्यता दे दी गई है। उपाध्याय ने कहाकि मान्यता निरस्त होने से बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा,बच्चों का भविष्य हमारी प्राथमिकता है।

अर्थदंड का प्रावधानः

उपाध्याय ने बताया कि नियम विरूद्ध स्कूलों का संचालन करने पर शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 18(5) में एक लाख तक का अर्थदंड का प्रावधान है। जिले में बिना मान्यता के संचालित सकूलों के संचालकों से अर्थदंड वसूलने की कार्रवाई की जायेगी।

नामी स्कूलों की मान्यता निरस्तः

संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में संचालित सबसे चर्चित स्कूल निर्मल विद्याल, डीव्हीएस, बाल विहार, सेंट जेवियर सहित कई स्कूलों की मान्यता निरस्त की जा चुकी है। अब स्कूल संचालक जेडी दफ्तर में आवेदन प्रस्तुत कर मान्यता लेने में जुट गये है।

जेडी के आदेशानुसार मान्यता निरस्तः

जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने बताया कि तत्कालिन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्कूलों को मान्यता दी गई है। उन स्कूलों की मान्यता जेडी के आदेशानुसार निरस्त कर दी गई है