पंचतत्व में विलीन हुए बहुमुखी प्रतिभा के धनी लोक कलाकार अनंतराम स्वर्णकार

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एक लोक कलाकार, नर्तक, गीतकार, रंगमंच का कलाकार अनंतराम स्वर्णकार, 82 वर्ष, सेवानिवृत कृषि विस्तार अधिकारी मेटावाडा निवासी आज पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्होंने शासकीय सेवा में रहते 55- 56 वर्ष की उम्र में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से कत्थक नृत्य की शिक्षा प्राप्त की थी। खुले स्वभाव के व्यक्ति, मिलनसार आज हमारे बीच नहीं हैं। गोंडी लोक भाषा के जानकार, आकाशवाणी में उनके लिखे अनेक गीत एक लंबे समय तक बजते रहे। छत्तीसगढ़ लोक नाचा के पारंगत कलाकार भी थे। 90 कि दशक में साक्षरता अभियान से जुड़ कर लगभग 200 से अधिक लोक बोलियों में नुक्कड़ नाटक किया। हल्बी फ़िल्म माहलाकारी में शानदार अभिनय किया था। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके जाने से लोक रंगमंच में खालीपन महसूस हो रहा है। उन्हें बस्तर माटी लोक कला मंच के कलाकारों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि ।