लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा 2019 में निकाली गई शिक्षक भर्ती को चुनौती देते हुए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने व्यायाम शिक्षक के पद पर अयोग्य अभ्यार्थियों की पदस्थापना देने के कारण राज्य शासन समेंत 67 लोगो के सम्बन्ध में शासन से पात्रता साबित करने के लिए नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश पी.सैम कोशी की एकलपीठ में हुई।
भर्ती प्रक्रिया में हुए फर्जीबाड़े को लेकर कुबेर प्रधान, यशवंत गिर समेत 22 याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता राजेश वर्मा के माध्यम से हाइकोर्ट में याचिका दायर की इसमे बताया गया गया कि लोकशिक्षण संचालनालय ने 2019 में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया । जिसमें शिक्षक संवर्ग के अंतर्गत सभी संभागो में व्यायाम शिक्षक के पद पर कुल 745 पदो पर भर्ती की जानी थी, जिसके लिए 25 जनवरी 2021 को की गई सत्यापन कार्य में राजपत्र-2019 और शिक्षक भर्ती के पदो के लिए विज्ञापित नियमों व दिशा-निर्देशो को ताक पर रखकर अपात्र को पात्र करने भारी गड़बड़ी की गई थी । शिक्षक वर्ग के पहली सूची के अभ्यार्थियों के सत्यापन कार्य होने के बाद वर्तमान में अयोग्य अभ्यार्थियों को भी स्कुल में पदस्थापना शासन द्वारा दे दिया गया ।
इसका खुलासा याचिकाकर्ताओं द्वारा दो संभागों में आरटीआई लगाकर कुछ अभ्यार्थियों के दस्तावेज प्राप्त कर निरीक्षण करने पर निर्धारित शैक्षणिक अर्हता न होते हुए भी अधिकारियों के सांठगाँठ से इनकी फर्जी तरीके से नियुक्ति किये जाने की जानकारी मिली, जिसे लेकर याचिकाकर्ताओे ने दस्तावेज सहित निर्धारित योग्यता सबंधी प्रश्न लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई , जिसे हाइकोर्ट ने सही मानते हुए सभी 67 लोगों से सम्बंधित दस्तावेज को लोक शिक्षण संचनालय रायपुर, संभाग आयुक्त दुर्ग और बिलासपुर समेत विभागों को जबाब तलब के लिए नोटिस जारी किया है।