कोरोना एवं निमोनिया के संभावित लक्षण समान होने के कारण लोगों में असमंजस, दशहरा उत्सव के पश्चात निमोनिया जैसे लक्षण वाले बच्चों की संख्या अस्पताल में बढ़ी

0
217

जगदलपुर

बस्तर जिले में दशहरा महोत्सव के समाप्ति के पश्चात कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में काफी इजाफा होने की खबरें सामने आ रही हैं. जिला प्रशासन द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में भी बताया गया है कि पिछले तीन दिनों के अन्तराल में कोरोना संक्रमितों की संख्या शून्य से बढ़कर 10 हो गयी है. वहीँ, डिमरापाल मेडिकल कॉलेज से आने वाली ख़बर ने लोगों को चिंता में डाल दिया है.

जानकारी के अनुसार, करीब 9 स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है. यह जानकारी कोविड प्रभारी नवीन दुल्हानी द्वारा दी गयी है. बताते हैं कि किसी पार्टी में सम्मलित होने गए यह स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए. हालाँकि, बस्तर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड से बचाव हेतु पूरी व्यवस्था का दावा किया जा रहा है, लेकिन दशहरा उत्सव के पश्चात ही लगातार कोरोना संक्रमितों में वृद्धि होने के संकेत से संक्रमण के तीसरे दौर की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

राजधानी रायपुर के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के तीसरे दौर में बच्चों पर इसका प्रभाव ज्यादा पड़ने की सम्भावना व्यक्त की गयी है. उनके अनुसार, 4 से 6 वर्ष के बीच सर्दी-खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखने पर उसे निमोनिया मानकर उसका इलाज किया जा रहा है. लेकिन, कोरोना संक्रमण के दौरान लगभग ऐसे ही लक्षण दिखने पर कई चिकित्सक अब निमोनिया रोग के दृष्टिकोण से उसका इलाज कर रहे हैं. हालाँकि, महारानी अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. संजय प्रसाद के अनुसार, कोरोना के लक्षण एवं निमोनिया से पीड़ितों के लक्षण में कोई समानता नहीं है, ऐसा कहा जा रहा है. लेकिन, शहर के कई निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक इस बात से इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं. उनका कहना है कि सर्दी-खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल कोरोना की जांच के बाद ही निमोनिया अथवा अन्य रोगों का इलाज करना चाहिए.

This image has an empty alt attribute; its file name is ajay-692x1024.jpg

पिछले माह से अब तक गणेश, दुर्गा पूजा के साथ ही दशहरा उत्सव के दौरान शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी पूजा-पाठ के दौरान काफी भीड़ का एकत्र होना भी कोरोना संक्रमण के पुनः वापस होने की सम्भावना को जन्म दे रहा है. महारानी अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक ने एक जानकारी में इस बात को स्वीकार किया है कि निमोनिया जैसे लक्षण वाले कई बच्चे अस्पताल में इलाज हेतु आ रहे हैं. लेकिन, इनमें कोरोना संक्रमण से सम्बंधित कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं. एक दिन पूर्व ही जिला कलेक्टर द्वारा कोरोना से सम्बंधित वैक्सीन लगाने हेतु 26 अक्टूबर को कोरोना टास्क फ़ोर्स की बैठक बुलाकर टीकाकरण बढाए जाने पर जोर देने को कहा गया था. उनका कहना था कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण ही सबसे अधिक सशक्त उपाय है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि त्योहारी सीजन के दौरान बाज़ार में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए जांच में भी तेज़ी लायी जाए.

This image has an empty alt attribute; its file name is mathur-cine.jpg

लेकिन, अगर सरकार चिकित्सालय एवं निजी चिकित्सालय में निमोनिया जैसे लक्षण वाले बच्चों की बढती संख्या पर ध्यान नहीं देकर उसे हलके में लिया गया तो कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

This image has an empty alt attribute; its file name is image-21.png
This image has an empty alt attribute; its file name is image-1.png