नियमों को दरकिनार कर खनिज विभाग अधिकारी बदले की भावना से कर रहे कार्य

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मुरूम उत्खनन की विभाग को नहीं है जानकारी

कांकेर खनिज विभाग में चल रहा कमीशन का खेल

जगदलपुर/कांकेर। मुख्यमंत्री के प्रभारी वाले विभाग में खनिज विभाग के अधिकारी नियम कायदो को दरकिनार कर बदले की भावना से कर रहे है कार्य। ऐसा ही एक मामला कांकर जिले के खनिज विभाग का उजागर हुआ है जहां अधिकारी मुरूम और स्टोन डस्ट को गौण खनिज बताकर अवैध परिवहन के नाम पर निर्धारित दर से कई गुणा अधिक जुर्माना जमा कराने का नोटिस थमाकर कारोबार से जुड़े लोगों को परेशान कर रहे है। जिले के जिम्मेदार अधिकारी के संरक्षण में खनिज विभाग के अधिकारी अपने नियम कायदे चलाकर कमीशन के खेल में शासन की छवि को बदनाम करने में जुटे है।

ज्ञातव्य हो कि कांकेर जिले में खनिज विभाग का नियम कायदा विभाग के अधिकारियों के चलते है। शासन के नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला कांकेर जिले का है जहां खनिज विभाग को प्रसाद नहीं चढ़ाने पर मनमाने ढंग से जुर्माना वसूली को लेकर कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है।

विभाग कर रहा रायल्टी में सेंधमारी:

कांकेर जिले में विगत एक वर्षों में शासकीय एवं निजी निर्माण कार्यों में कितना घन मीटर मुरूम का उपयोग किया गया है इस संबंध में खनिज विभाग को जानकारी तक नहीं है जबकि कई शासकीय निर्माण कार्यो में हजारों घनमीटर मुरूम का उत्खनन कर उपयोग किया गया है लेकिन विभाग रायल्टी शासकीय खजानों में जमा कराने के बजाये अपनी जेब गर्म कर सरकार को मिलने वाले मुरूम की रायल्टी में सेंधमारी कर रही है। बताया जाता है कि मुरूम के नाम पर चल रही कमीशन की राशि का बंटवारा जिले के जिम्मेदार अफसरों तक पहुंचती है। यही कारण खनिज विभाग यहां नियमों को दरकिनार का नियम विरुद्ध कर रही कार्य।

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कलेक्टर के आदेशानुसार अर्थदंड निर्धारित किया जाता है:

मुरूम एवं स्टोन डस्ट पर निर्धारित मापदंड से कई गुणा अधिक अर्थदंड लगाये जाने के संबंध में जब ककिर जिले के खनिज अधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कलेक्टर के आदेशानुसार अर्थदंड निर्धारित किया जाता है। खनिज अधिकारी साहू ने कहा कि मुरूम गौण खनिज है और छग शासन के नियमानुसार कार्रवाई की जाती

मुरूम गौण खनिज है:

वरिष्ठ अधिवक्ता शिशिर रंजन साहा ने बताय कि खान खनिज अधिनियम 1957 की धारा 21(1) एवं 21(5) के प्रावधान में मुरूम और स्टोन डस्ट गौण खनिज है इंसिलए इन पदार्थों के परिवहन पर उक्त धारा लागू नहीं होता। साहा ने बताया कि मुख्य खनिज अधिनियम 1957 के 1 से द्वितीय अनुछेद में उल्लेखित 1 से लेकर 57 खनिज पदार्थों पर लागू होता है। यह प्रावधान रेत मुरूम चूना पत्थर जिसमें 40 प्रतिशत से कम चुना पत्थर का अवशेष हो उसे गौण खनिज माना जाता है। छग गौण खनिज नियम 2015 बनाया गया है जिसमें 71 अंतर्गत अनाधिकृत विकास तथा परिवहन के लिए एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा अथवा अधिकतम 25 हजार रूपए जुर्मान से दंडित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गिट्टी का डस्ट खदान से सीधे नहीं निकलता है। खनिज प्रक्रिया के अंतर्गत बोल्डर को तोड़ने अथवा क्रसिंग करने के पश्चात जो चूरा शेष बचता है उस पत्थर को डस्ट कहा जाता है इस पर कोई रायल्टी देय नहीं होती है।