कोंटा नगर पंचायत का मामला : कमीशन के खेल में सौन्दर्यीकरण अभियान गुणवत्ता की भेंट चढ़ा

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तालाब में बना दिया गया लाखों की नाली

पंचायत की समस्या से जुड़ा रहे

नगरवासी जगदलपुर/कोंटा। प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा सुकमा जिले के कोंटा नगरपंचायत चुनाव बस्तर अंचल के दो कद्दावर आदिवासी नेता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है जहां भाजपा एकजुटता का परिचय देते नगर पंचायत में हुए भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस के इस गढ़ में संधमारी करने की कवायद में जुटी है तो वहीं कांग्रेस पंचायत के विकास कार्यों को मुद्दा बनाकर जनता से आशीर्वाद लेकर एकबार फिर नगर पंचायत की कुर्सी पर कब्जा जमाने के प्रयास में लगे है। नगर पंचायत सौंदीकरण के नाम पर हुए निर्माण कार्यों में लिपापोती किसी से छिपी नहीं है। चाहे वह तालब का सौंदर्गीकरण हो या नाली निर्माण सभी की गणवत्ता भगवान भरोसे है और वहां पदस्थ अधिकारी आंखो में पट्टी बांधकर नेताओं के साथ खड़े रहते है।

ज्ञातव्य हो कि सुकमा जिले का कोंटा इलाको भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है लेकिन इन इलाकों में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में अफसर साहस नहीं जुटा पाते। कई बार तो देखा गया है कि कुछ अधिकारी कमीशन के लालच में भ्रष्टाचारी के साथ दिया करते है जिसका पिता जागता उदाहरण कोंटा नगर पंचायत में कराये गये विकास कार्य है।

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तालाब सौंदीकरण के नाम पर खानापूर्तिः

कोंटा नगर पंचायत में वर्ष 2020 में 94 लाख 84 हजार की लागत से कोल्लू तालाब का सौंदीकरण का कार्य कराया गया था जिसमें तालाब के चारो ओर सड़क एवं पीचिंग के साथ-साथ स्ट्रीट लाईट एवं अन्य कार्य कराया गया है जिसका लोकार्पण बड़े ही तामझाम के साथ आकारी मंत्री से कराया गया था। उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही उक्त तालाब गुणवत्ता की पोल खोलने लगा है। आलम यह है कि सड़क उखड़ने लगी है। कमीशन के लालच में गुणवत्ता की भेड़ चढ़ा दिया गया है।

टेण्डर में भी घालमेल :

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्ताधारी दल के नेताओं के दबाव में टेण्डर प्रक्रिया में भी घालमेल कर कमीशन के लालच में अपने चहेते ठेकेदार को कार्य देकर शासन की राशि का बंदरबाट किया गया है। टेण्डर प्रक्रिया में तीन आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें दो ऐसे ठेकेदार द्वारा आवेदन जमा कराया गया था जो अप्राप्त की श्रेणी में आती है ऐसे अपात्र से आवेदन जमाकरवा ठेका दे दिया गया। ठेका हासिल करने से लेकर निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता कर लाखों के वारे न्यारे करने का आरोप भाजपाई लगा चुके है।

निर्माण कार्यो की गुणवत्ता भगवान भरोसे:

कोंटा नगर पंचायत के अधिकांश वार्डो में सड़क नाली एवं अन्य निर्माण कार्य की गुणवत्ता भगवान भरोसे है वहां पदस्थ अधिकारी भी सत्ताधारी दल के नेताओं के दबाव में घटिया निर्माण कार्यों को बेहतर गुणवत्ता बताकर कार्यों को पूर्ण कर राशि का आहरण कर चुके है।

तालाब में बनी नालीः

नगर पंचायत में राशि बंदरबाट करने तालाब में भी नाली का निर्माण करा दिया गया है। वार्ड क्रमांक 13 शिर्डी साई वार्ड में तालाब में लगभग 15 लाख से अधिक की लागत से नाली निर्माण करा दिया गया है जबकि उक्त स्थल पर नाली की कोई जरूरत नहीं थी। इसी वार्ड में रेस्ट हाउस के समीप नाली का निर्माण गुणवत्ताविहिन कराया गया है जो निर्माण के कुछ माह बाद ही धराशाही हो चुका है। निर्माण के नाम पर खानापूर्ति ही किया गया है जिसकी गुणवत्ता बयां कर रही है वहां के अधिकारी भी घटिया निर्माण को अंजाम दे आंखो में पट्टी बांधे रखे है।

रेस्ट हाउस एवं बेड़ारोड में नगर पंचायत के द्वारा लाखों की लागत से स्ट्रीट लाईट लगाया गया है जिसकी गुणवत्ता काफी अमानक है जो वाहनों के तेज रफ्तार की हवा से स्ट्रीट लाईट का पाईप बेण्ड हो चुका है कई स्ट्रीट लाईट बंद चुकी है।

कुछ नहीं बोल सकतीः

कोंटा नगर पंचायत अध्यक्ष मौसम जया जो वर्तमान में वार्ड क्र12] से चुनावी मैदान में है जो विकास के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने वाली है। जब उनसे नगर पंचायत में हुए सौंदर्गीकरण अभियान सहित अन्य घटिया निर्माण के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलनने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि मैं क्षमा चहती हूं कुछ नहीं बोल सकती।

जनता देगी चुनाव में जवाब:

कोंटा नगर पंचायत मंडल के संगठन प्रभारी संजय पांडे ने कहा कि कोंटा नगर पंचायत में विकास के नाम पर भ्रष्टाचार कर राशि का जमकर बंदरबाट किया गया है वह तालाब का सौंदीकरण हो या सड़क, पुल, नाली निर्माण या स्ट्रीट लाईट सभी में गुणवत्ता को नजरअंदाज कर राशि का बंदरबाट किया गया है जिसका जवाब चुनाव में जनता देगी। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष भ्रष्टाचार में इस कदर दबी है कि कुछ बोलने से भी डर रही है |