बगैर अनुमति निकाय क्षेत्र में मुरूम की सड़क बनाकर की जा रही है अवैध प्लाटिंग

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प्लाटिंग का धंधा चरम पर, बिना अनुमति सड़क बना दिखा रहे प्लाट
जिला प्रशासन नहीं दिखा रही है गंभीरता, अवैध प्लाटिंग करने वालों के हौसले बुलंद
इस मामले में आग तो अवश्य लगी थी लेकिन बूझ कैसे गई इसकी चर्चा जोरों पर…

अर्जुन झा

जगदलपुर, 30 दिसम्बर। अवैध प्लाट कारोबारियों के हौसले बुलंद है , शहर से लेकर गांव तक अनुमति के वगैर जमीन की अफरा तफरी को अंजाम दिया जा रहा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के बिना हजारों करोड़ की खेती वाली जमीन बेची जा रही बगैर परमिशन मुरुम की सड़क बनाकर प्लाट कटिंग करने और बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है । लेकिन जिला प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रही है। यही वजह है कि अवैध प्लाटिंग करने वालों के हौसले बुलंद हैं।

शहर के भीतर ही 200 से अधिक भूखंड सामने देखे जा सकते हैं , जिन्हें बगैर किसी परमिशन के प्लाटिंग कर बेचने की तैयारी है। किसानों से जमीन का सौदा कर वगैर किसी परमिशन के प्लाट कटिंग हो रही इन प्लाटों के लिए कोई रास्ता निर्धारित नहीं हैं , इसके चलते भू – माफिया खुद ही मुरुम की सड़क बनाकर इसे बेहतर प्लाट दिखाकर खरीददारों को झांसा देने में लगे हुए हैं । इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है ।

शहर के अलग – अलग हिस्सों में अवैध प्लाटिंग

सालभर पहले शहर सहित आसपास के हिस्सों में जो अवैध प्लाटिंग चिन्हित किए गए थे ऐसे भूखंडों की खरीदी विक्री पर रोक लगाई गई थी। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया , उन पर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। कुछ दिनों तक तो जमीन दलालों ने इस कारोबार को बंद रखा। लेकिन एक बार फिर शहर के अलग – अलग हिस्सों में अवैध प्लाटिंग तेज हो गई है ।

बगैर रेरा पंजीयन चल रहा कारोबार

जानकारी के मुताबिक अवैध प्लाटिंग का काम जो कर रहे हैं , उनका रेरा में पंजीयन तक नहीं हैं । किसानों की खेती जमीन का सौदा कर उन्हें प्लाट के रुप में टुकड़े कर रहे हैं, जिन्हें खुद का प्रोजेक्ट बताकर बेचा जा रहा। इसी के लिए जमीन माफिया खुद ही मुरुम की सड़कें भी बनवा रहे हैं। ऐसे धंधे से जुड़े कुछ लोग रियल स्टेट के नाम पर वाकायदा आफिस का संचालन भी कर रहे फर्म रजिस्ट्रेशन दिखा कर लोगो को नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे में प्लाट दिलाने का झांसा दिया जा रहा । प्लाट में 25 से 30 फीट सड़क और आकर्षक उपहार बताकर प्लाटिंग के अवैध कार्य को बेखौफ अंजाम दिया जा रहा ।

सरकार के राजस्व को लगा रहे चूना

जमीन दलाल असली भूस्वामियों से एकड़ के भाव में जमीन का एग्रीमेंट कर उसे वर्गफीट के हिसाब से बेचते हुए करोड़ो रुपये का चूना सरकार को लगा रहे हैं । दो हजार वर्गफीट से लेकर 2400 वर्गफीट तक के प्लाट लोगों को धोखे में रखकर अवैध तरीके से बेचा जा रहा है । जमीन की कीमत दलालों द्वारा 600 से लेकर 1200 रुपए वर्गफीट तक तय की गई है ।

वर्तमान में इन हिस्सों से सबसे अधिक शिकायत

वर्तमान में करकापाल, पल्लीनाका, धरमपुरा, कालीपुर, कलचा, बालीकोंटा, पंडरीपानी, धूरगुड़ा इलाके में अवैध प्लाटिंग तेजी से हो रहा है। जिसकी शिकायत सीएम से होने वाली है। स्थानीय निवासियों के द्वारा जिला स्तर पर इसकी शिकायत भी की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में अब शिकायकर्ता सीएम से मिलने की तैयारी कर रहे हैं। लोग अवैध प्लाटिंग को लेकर लगातार विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन अफसर कार्रवाई के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे है।

झांसे में आकर परेशान हो चुके हैं जमीन खरीददार

अवैध प्लाटिंग के खरीदारों को खासी परेशानी हो रही है। झांसा देकर जमीन दलालों ने इन्हें ग्राहकों को बेच तो दिया, लेकिन जांच में जब पूरा प्रोजेक्ट ही अवैध निकला तो परेशानी बढ़ गई। इन खरीददारों को अब तक शासकीय दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जिन पर भूखंड की वैधता को लेकर निर्णय नहीं हुआ है। गाड़ी कमाई फंसने के बाद ऐसे खरीददारों को परेशान होना पड़ रहा है।

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