सचिव ने शिक्षक एवं रोजगार सहायक को बनाया मजदूर, भरा फर्जी मस्टररोल, कारवाई से बचने सचिव आकाओं के संपर्क में कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

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जगदलपुर/सुकमा – नवीन गुप्ता

सुकमा जिले के कोन्टा विकासखंड के एलमपल्ली में मृत व्यक्तियों के फर्जी मस्टररोल तैयार कर राशि की बंदरबाट मामले की कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश। सचिव ने शिक्षक एवं रोजगार सहायक के नाम मस्टरोल तैयार कर अंगूठा लगाकर राशि आहरण करने का भी मामला संज्ञान में आया मामला उजागर होने के बाद कार्रवाई से बचने सचिव आकाओं के संपर्क में है जिनके माध्यम से तबादला कराया गया था।

ज्ञातव्य हो की एलमपल्ली में पंचायत में हुए फर्जीवाड़ा मामले की शिकायत सरपंच हिमानी मरकाम ने सुकमा कलेक्टर से किया था। उक्त मामले को चैनल इंडिया के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। सरपंच की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सुकमा कलेक्टर बिनित नंदनवार ने जांच के आदेश दिए है।

शिक्षक को भी बनाया मजदूरः सरपंच हिमानी मरकाम ने दूरभाष पर चर्चा के दौरान जानकारी दी है कि एलमपल्ली के दो दर्जन से अधिक ग्रामीण जो कई वर्षों से आंध्रप्रदेश में निवासरत है जिनके नाम का भी मस्टररोल तैयार किया गया है जबकि वह काम ही नहीं किए है। सबसे बड़ी विडम्बना तो यह है कि जिन शिक्षकों को बच्चों के भविष्य सुधारनेकी जिम्मेदारी सरकार ने दी है उन शिक्षक को भी सचिव ने मजदूर बना दिया है। जानकारी के अनुसा रमेश कुमार जो सीलमिलिसाब एवं महेश कुमार एलमपल्ली में शिक्षक है जिनके नाम पर भी मस्टररोल तैयार कर अंगूठा लगाकर मजदूरी करने की प्रमाणिकता दर्शाया गया है और राशि का भी आहरण का आरोप सरपंच द्वारा लगाया गया है। रोजगार सहायक पवन कुमार के नाम पर भी मस्टरोल भरा गया है।

शिकायत हुई है तो जांच होगी: एलमपल्ली के पूर्व सचिव गिरीश कश्यप ने बताया कि सरपंच के द्वारा शिकायत किया गया है तो जांच का विषय है। जांच होने पर सच्चाई सामने आयेगी जो भी कार्य कराया गया है ग्रामीणों के सहयोग से कराया गया है इसमें किसी प्रकार का कोई घालमेल नहीं किया गया। जांच होती तो ग्रामीण बताएंगे क्या हुआ है।

सरपंच का आरोप

फर्जी मस्टररोल तैयार का मृत व्यक्तियों के नाम सचिव ने किया लाखों का घालमेल

सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर एवं सील लगाकर सचिव राशि का करता रहा आहरण

मामला कोंटा जनपद के एलम्पल्ली पंचायत का  

बस्तर अंचल के धर नक्सल प्रभावित इलाका एलमपल्ली के सरपंच हिमानी मरकाम ने तत्कालिन सचिव पर आरोप लगाया है कि सचिव के द्वारा मृत व्यक्तियों के नाम का फर्जी मस्टररोल तैयार कर लाखों रूपए के घालमेल किया गया है। पंचायत के विकास कार्यों को कागजों में अंजाम देकर सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर एवं सील लगाकर लाखों की राशि का गबन करने का आरोप भी लगाया। एलमपल्ली में लाखों के घालमेल करने के बाद कांग्रेस के नेता को चढ़ावा चढ़ाकर दूसरे पंचायत में तबादला करा चुका है जो वर्तमान में नागरगुण्डा का सचिव है।

ज्ञातव्य हो कि अधिकारी एवं मंत्री शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्तियों तक पहुंचाने के प्रयास में लगे हुए है ताकि अंतिम व्यक्ति को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके। अपने आप को मंत्री के काफी करीबी बताने वाले कर्मचारी ही शासन की छवि का धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। ऐसा ही एक मामला सुकमा जिले के कोंटा जननपद के एलपपल्ली का है जहां के तत्कालिन सचिव कागजों में विकास कार्यों को अंजाम देकर लाखों की राशि का बंदरबाट करने का आरोप सरपंच द्वारा लगाया गया है। तत्कालिन सचिव द्वारा भ्रष्टाचार की हदे इस कदर पार की गई है कि मृत व्यक्तियों को भी जीवित बताकर फर्जी मस्टररोल तैयार कर लाखों की राशि का बंदरबाट किया जा चुका है यहां तक कि सरपंच के नाम का भी मस्टररोल भरकर राशि का आहरण किया जा चुका

मृत व्यक्तियों के नाम हुआ राशि का आहरण: जानकारी के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर 19 लाख रूपए की लागत से तालाब का निर्माण कराया गया है। उक्त निर्माण कार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत किया जाना था उक्त कार्य को मशीन से कराया गया और फजी मस्टररोल तैयार कर राशि का बंदरबाट किया गया है। जिन व्यक्तियों के नाम मस्टररोल तैयार किया गया है उनमें से एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। पोड़ियामी राम, सोड़ी आयता, पोदिये बेच्ची नंदा, बोडी, पोडियम दुल्ला, नुखो हिड़मा, नारसे भीमा की मौत हो चुकी है

सरपंच के नाम पर मस्टररोल: सचिव के द्वारा तैयार किया गया मस्टररोल में सरपंच का नाम भी शामिल है जिनके नाम से भी राशि का आहरण किया गया है। दर्जनभर से अधिक मजदर ऐसे है जो काम भी नहीं किए उनके नाम पर भी मस्टररोल तैयार कर राशि का घालमेल किया गया।

कागजों में कार्यो को दिया अंजामः जानकारी के अनुसार उक्त सचिव के द्वारा 14वे वित्त की राशि भी भारी पैमाने पर बंदरबाट किया गया है। पंचायत के कई विकास कार्य कागजों में अंजाम देकर राशि का बंदरबाट किया गया है। पंचायत में कौन सा कार्य स्वीकृत है इसकी भी जानकारी सरपंच को नहीं दिया जाता है। सचिव के कार्यों क जांच कराई जाये तो कई पापले उजागर होंगे।

चढावे के बाद सचिव का तबादला: विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एलमपन्छी के तत्कालिन सचिव हाल ही में कांग्रेसियों से संपर्क कर चढ़ावा चढ़ाने के बाद तबादला कराने में सफल हुआ है। वर्तमान में नागरगुण्डा का सचिव है जो इसके पूर्व एलपपल्ली में था।

सचिव द्वारा राशि का बंदरबाटः एलमपल्ली सरपंच हिमानी मरकाम ने बताया कि तत्कालिन सचिव

के द्वारा मृत व्यक्तियों के नाम पर मस्टररोल तैयार कर राशि का गबन किया गया है। पंचायत के अन्य विकास कार्यों की राशि निकालने मेरा फजी हस्ताक्षर एवं सील का उपयोग किया गया है जिसकी शिकायत सुकमा कलेक्टर से कर उचित कार्रवाई की मांग की गई|