पाप उदय के समय व्यक्ति अकेला होता है-आचार्य महाश्रमण

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बस्तर की पावन धरती पर अहिंसा यात्रा के अंतर्गत आज जैन आचार्य, राष्ट्र संत महाश्रमण जी के पावन चरण सुकमा नगर पर पड़े, संत के स्वागत अभिनन्दन में सभी समाज,सभी धर्म के लोगों ने अपनी सहभागिता निभाई, इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक रेखचन्द जैन ने अपने पिताश्री जो 92वर्ष की अवस्था में हैं, के साथ गुरुदेव का भावपूर्ण वंदन एवं अभिनन्दन किया और आचार्य श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया, बस्तर के पारंपरिक नृत्य के साथ हुवे स्वागत अवसर पर पूरा नगर आल्हादित था।

नगर प्रवेश उपरांत आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम एवं प्रवचन सभा में आचार्य महाश्रमण जी ने कहा कि जब व्यक्ति कष्ट में होता है तो नजदीकी लोग, मित्र, रिश्तेदार या कोई भी अन्य व्यक्ति उन दुखों को बांट नहीं सकता, व्यक्ति को उसके कर्म अनुसार ही जब पाप कर्म का उदय हो, तो यह कष्ट उसे सहने पड़ते हैं और ऐसे समय में वह व्यक्ति अकेला ही होता है, दूसरा कोई त्राण शरण नहीं बन सकता, केवल धर्म ही शरण त्राण बन सकता है व्यक्ति को कष्ट आते हैं तो मुख्य रूप से वह तीन रूप में आते हैं, एक बीमारी दूसरा बुढ़ापा और तीसरा मृत्यु।

आचार्य श्री ने आज प्रवचन के माध्यम से लोगों को अहिंसा का संदेश देते हुए अपनी बातें मुख्य रूप से रखी कि व्यक्ति के जीवन में सद्भावना, नैतिकता और नशा मुक्ति का होना बहुत जरूरी है, आज सभा के दौरान सुकमा नगर वासियों सहित उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को आचार्य श्री ने यह शपथ दिलाई कि हम किसी भी प्रकार का नशा अपने जीवन में नहीं करने का संकल्प लेते हैं साथ ही उन्होंने नैतिकता और सद्भावना संबंधित शपथ भी लोगों को दिलाई।

अभिनंदन कार्यक्रम में में जगदलपुर विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष करण देव, नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू दुर्गेश राय, शेख सज्जाद, मनोज चौरसिया, श्रीमती आयशा हुसैन, रम्मू राठी,भोमराज टाटिया,विमल सुराना, विजय नाहटा,रामलाल बैद, कैलाश जैन, राजेश नारा, सुरेंद्र चांडक, राजकुमार लोढ़ा,अनिल बुरड़,अनिल जैन,श्रीपाल तातेड़, किशन लाल डाकलिया,बंशीलाल नाहटा,कानमल जैन,बभूतमल तातेड़, अशोक बुरड़,धीरज बाफना,अनिल कागोत, संदीप कागोत एवं राजेश टाटिया सहित बड़ी संख्या में जगदलपुर, गीदम, राजनंदगांव,एवं उड़ीसा के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए श्रद्धालु उपस्थित थे।