मजदूर विरोधी वेतन समझौते के खिलाफ खदानों में सीटू की हड़ताल सफल

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सेल मे हुए मजदूर विरोधी वेतन व समझौते के खिलाफ स्टील वर्कर्स फेडरेशन आफ इंडिया (सीटू) के आह्वान पर5 जनवरी पूरे सेल में हड़ताल का आयोजन किया गया। इसी आह्वान पर लौह अयस्क खान समूह राजहरा मे की सभी खदानों में स्थानीय सीटू यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल की गई।

इस हड़ताल में कर्मचारियों ने यूनियन द्वारा उठाए गए तमाम मुद्दों का भरपूर समर्थन दिया। यह हड़ताल अकेले सीटू ने की फिर भी कर्मचारियों ने इस हड़ताल को अभूतपूर्व रूप से सफल बनाया। आज सुबह 5:00 बजे से ही विभिन्न खदानों के मुख्य द्वारों पर सीटू कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला तथा कर्मचारियों ने भी हड़ताल को भरपूर समर्थन दिया । अधिकांश कर्मचारी ड्यूटी नहीं गए और प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई ।

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उल्लेखनीय है कि कुछ ही समय पहले एनजेसीएस की उच्च परिपाटी को तोड़ते हुए प्रबंधन व तीन यूनियनों ने बहुमत के आधार पर सेल कर्मियों के लिए एक ऐसा वेतन समझौता किया जिसमें कर्मियों को बड़े आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले प्रावधान लागू किए गए, मसलन 1/1 /2017 से 31/3/ 2020 तक का एरियर्स को काल्पनिक घोषित कर दिया गया। इसी तरह अधिकारियों को पर्कस का लाभ अप्रैल 2020 से दिया गया वहीं कर्मचारियों को यह राशि 18 नवंबर 2021 से दी गई। कर्मचारियों के वेतन इंक्रीमेंट के लिए प्रबंधन ने एकतरफा ढंग से पे स्केल बना दिया जिसमें किसी भी कर्मचारी को 3% इंक्रीमेंट सुनिश्चित नहीं किया गया । इस बार ठेका मजदूरों के लिए भी वेतन समझौते की बात सभी यूनियनों ने रखी थी। लेकिन हस्ताक्षर करने वाली यूनियनों ने ठेका मजदूरों को हाशिए पर धकेलते हुए उनके लिए कुछ भी हासिल किए बगैर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। खदान कर्मियों को मिलने वाले दासा की राशि पर भी इन उन्होंने कोई स्पष्ट समझौता न करते हुए इसे कमेटी में ढकेल दिया जिसके कारण माइंस कर्मियों को वेतन समझौते के बाद भी पुराने बेसिक पर ही दासा का भुगतान किया जा रहा है। जबकि अधिकारियों को नए बेसिक पर दासा का भुगतान शुरू हो गया है। प्रबंधन ने

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समझौते पर हस्ताक्षर करते वाली यूनियनों को भी दरकिनार करते हुए कर्मचारियों की ग्रेज्युटी सीलिंग करने का एकतरफा आदेश 26 नवंबर को जारी कर दिया। सीटू ने इन तमाम मुद्दों को लेकर सभी यूनियनों से संघर्ष में शामिल होने का आह्वान किया था, लेकिन कर्मियों के हित के इस संघर्ष में कोई भी यूनियन सीटू के साथ नहीं आई । अंततः सीटू ने अकेले ही हड़ताल पर जाने का फैसला किया और 5 जनवरी को पूरे सेल में सीटू के नेतृत्व में हड़ताल हो रही है । खदानों में नियमित कर्मचारियों के साथ ठेका मजदूरों ने भी अपने वेतन समझौते की मांग को लेकर इस हड़ताल का भरपूर समर्थन दिया । आज की हड़ताल से अधिकांश विभागों के कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुए और उत्पादन पर भी इसका सीधा असर दिखाई दिया । प्रबंधन के अधिकारी खदानों के मुख्य द्वारों पर तैनात होकर हड़ताल को विफल करने का प्रयास करते रहे फिर भी कर्मचारियों ने सीटू द्वारा उठाए गए तमाम मांगों को जायज ठहराते हुए हड़ताल का समर्थन किया और अधिकांश कर्मचारी ड्यूटी न जाकर मुख्य द्वार से ही घर वापस चले गए । प्रथम व दि्वतीय पाली मे हडताल की सफलता से

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उत्साहित यूनियन कार्यकर्ता रात्रि पाली की हड़ताल को भी सफल बनाने की तैयारी मे जोरशोर से लगे हैं।हडताल के दौरान यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि आज की हड़ताल केवल कुछ पैसे हासिल करने की हड़ताल नहीं है, बल्कि प्रबंधनद्वारा कर्मचारियों के विरुद्ध लगातार लिए जा रहे एकतरफा फैसलों को पीछे धकेलने के लिए भी यह हड़ताल जरूरी है।आज की हड़ताल को सफल बनाने में यूनियन के सचिव पुरुषोत्तम सिमैया, कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष विनोद मिश्रा, संगठन सचिव सुजीत मुखर्जी ,चार्ली वर्गीय, विजय शर्मा,संतोष बंजारे, मान सिंह कनवर, सुजीत मंडल, आलोक श्रीवास्तव, नरेंद्र सिंह, सुनील, नकुल, बबलू शाह, इंद्र दमन ठाकुर, भोजराम, गिरीश, घनश्याम शर्मा, समेत सैकड़ों लोगों ने सक्रिय भागीदारी की।

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