(अर्जुन झा)
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चुक का मामला लगातार उबाल मार रहा है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपना अपना विचार व्यक्त कर चुके हैं। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री राजेश मूणत के बयान भी सियासत को गरमा रहे हैं। इसके साथ ही मूणत ने पीएम मोदी की लंबी उम्र की मनोकामना से महामृत्युंजय जाप का आयोजन किया है तो मूणत के यज्ञ में कांग्रेस ने सियासी विघ्न डालते हुए धर्म कर्म मर्म से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके पूर्व कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पत्रकार वार्ता में पंजाब के मामले में भाजपा और केंद्र सरकार को निशाने पर लिए जाने के बाद भाजपा ने भी आक्रमक रुख अख्तियार कर लिया। भाजपा जहां पीएम मोदी की लंबी आयु के लिए अभिषेक और पूजापाठ कर रही है तो दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को हटाने की मांग भी की जा रही है।
इधर छत्तीसगढ़ में आलम यह है कि दिल्ली और पंजाब से भी ज्यादा माहौल गर्म है। राजधानी रायपुर में पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने हटकेश्वरनाथ मंदिर महादेवघाट में पूजन अभिषेक कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंबी उम्र की कामना की तो पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अपने अधिकृत ट्विटर हेंडल में #Dismiss_Punjab_Goverement ट्विट करते हुए कहा कि पंजाब में देश की एवं प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में की गई साजिश के लिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री जी को एक मिनट भी पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उक्त संदर्भ में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जी की प्रतिक्रिया ओछी मानसिकता का परिचायक है। इधर मूणत प्रायोजित यज्ञ पर कांग्रेस का कहना है कि मूणत हिंदू धर्म की आस्था का मजाक उड़ा रहे हैं। मूणत के नेतृत्व में हो रहे महामृत्युंजय जाप और हवन जो प्रधानमंत्री की दीर्घायु के लिए किया जा रहा है, उस पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सनातन धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मंत्र और हवन महामृत्युंजय को माना जाता है।
पहले राजेश मूणत महामृत्युंजय का ज्ञान ले लेते उसके बाद ही हवन करते तो ज्यादा अच्छा होता। क्यों वे हिंदू धर्म की आस्था का मजाक उड़ा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि क्या नरेंद्र मोदी को देश की सुरक्षा एजेंसियों पर विश्वास नहीं है। क्या सुरक्षा के नाम पर सुरक्षा एजेंसियों का मजाक उड़ा रहे हैं। पहले भारतीय जनता पार्टी को इस विषय को साफ करना चाहिए उसके बाद इस प्रकार का ढकोसला करें। दोनों तरफ है आग बराबर लगी हुई… वाले अंदाज में भाजपा और कांग्रेस आमने सामने हैं। इतना बवाल तो झीरम घाटी में कांग्रेस के काफिले पर हमले के समय भी नहीं मचा था जबकि उसमें विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल सहित कांग्रेस के कई दिग्गज शहीद हो गए थे। पंजाब मामले के बहाने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जितने रोज इस मुद्दे पर घमासान मचेगा, उतने दिन छत्तीसगढ़ के मुद्दे नेपथ्य में रहेंगे।