विशाखापत्तनम में आयोजित 5वी इंटरनेशनल कराते प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल विजेता राधिका हिडको का पूर्व सैनिक सेवा संघ द्वारा स्वागत एवम् सम्मान किया गया

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पूर्व सैनिक सेवा संघ बालोद ने डौंडी ब्लाक के वनांचल ग्राम पुसावड़ की रहने वाली कराते की एक नेशनल प्लेयर राधिका हिड़को एवम् उनके कोच का स्वागत सम्मान के लिए दल्ली राजहरा के गोंडवाना भवन में उनके आगमन पर भारत माता की जय,छत्तीसगढ़ महतारी की जय जयकार के नारों के साथ राजकुमार साहू अध्यक्ष,विमल कुमार दास उपाध्यक्ष,विमल प्रसाद सिंह,आर एन पाठक,जगमोहन साहू संरक्षक,प्रेम सिंह ब्लॉक अध्यक्ष डोंडी के साथ सभी सैनिक साथियों द्वारा स्वागत एवम् सम्मान किया गया।

दो बार नेशनल खेल चुकी राधिका ने कराते में ही अपनी प्रतिभा दिखाते हुए अब इंटरनेशनल स्तर पर विशाखापट्टनम में आयोजित प्रतियोगिता में भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए 23 वर्ष आयु वर्ग में द्वितीय स्थान हासिल किया। बालोद जिले के पूर्व सैनिकों ने गौरवान्वित एवम् हर्ष के साथ प्रदेश की बेटी को अपना आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना किया चूंकि यह सैनिक परिवार की बेटी है इसमें पूर्व सैनिक साधक,विजय साहू,अजय कुमार,लिकेश्वर निषाद, सी एच राव,पीतांबर,पोखलाल उपस्थित रहे ।सैनिक संघ का मुख्य उद्देश्य वनांचल के युवाओं को सेना/अर्ध सेना में भर्ती हेतु निशुल्क प्रशिक्षण देकर उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रोत्साहित करना है चूंकि प्रदेश एवम् देश का नाम ऊंचा कर राधिका की उपलब्धि से लोगों में उत्साह और प्रेरणा का संचार हुआ तो वही राधिका का भी सपना साकार हुआ जो वह नेशनल से इंटरनेशनल पर जाना चाहती थी। वह आगे और मेहनत करेगी ताकि इंटरनेशनल में वह पहला स्थान हासिल कर ले।

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बता दें कि राधिका कई खेलों में निपुण है। उनका प्रमुख खेल कबड्डी है। एथलिटिक्स में भी वह आगे रहती है। तो साथ ही कराते में भी वह चैंपियन है। अपने साथ व अन्य बच्चों को भी इसके लिए ट्रेनिंग देती हैं। स्कूलों में भी वह बच्चों को सेल्फ डिफेंस सिखाती हैं। मरकाटोला के मैदान में भी रोज सुबह आसपास के बच्चों को जो खेलने में बेहतर है, उन्हें ट्रेनिंग देकर उन्हें और अभ्यस्त करती हैं ताकि वे भी एक दिन जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा दिखा सके। राधिका ने बताया कि वनांचल के खिलाड़ियों को शासन प्रशासन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता। कई प्रतिभाएं होती है लेकिन उनकी प्रतिभा दबी रह जाती है। उन्हें अवसर नहीं मिल पाता। इसके लिए वह संघर्ष कर रही है और लगातार तीन साल से अपने क्षेत्र के खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग दे रही हैं और खुद भी लगातार अभ्यास करके बेहतर मुकाम हासिल कर रही है। उनका प्रोफेशनल कबड्डी के क्षेत्र में है। इलाके के खिलाड़ियों को कबड्डी, कराते सहित प्रमुख खेलों की प्रशिक्षण भी रोजाना देती हैं। राधिका का कहना है कि मुझे भी शुरुआत में किसी की ओर से विशेष मार्गदर्शन नहीं मिला। मार्गदर्शन के अभाव में कई खिलाड़ी पीछे रह जाते हैं। उन्होंने खुद को ही खुद से निखारने का भी प्रयास किया और आज बेहतर मुकाम पर पहुंच रही है। एक फेडरेशन के द्वारा विशाखापट्टनम में आयोजित पांचवी अंतरराष्ट्रीय कराते चैंपियनशिप में राधिका द्वारा रजत पदक जीतने से उनके गांव पुसावड में जश्न का माहौल है तो वहीं उनके आगमन पर उनके विशेष स्वागत की तैयारी भी की जा ही रही है। स्वर्णाभारती इंदौर बी स्टेडियम विशाखापट्टनम 5वी इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप 2022 का आयोजन हुआ। जिसमें 9 देश के सैकड़ो खिलाड़ी शामिल हुए।

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