ढाबे में भोजन की आड़ में परोसी जा रही शराब, आबकारी एवं पुलिस प्रशासन मौन

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रिपोर्ट – दीपक डाहाके
नारायणपुर – छत्तीसगढ़ शासन के आदेशानुसार हाइवे रोड में शराब दुकान व गैरकानूनी तरीके से ढाबे या अन्य स्थान पर शराब बेचना एवं परोसना सख्त मना है, परन्तु जिला मुख्यालय नारायणपुर के बखरूपारा स्थित ढाबे में खुलेआम शराब की बिक्री आजकल जोरो पर है। यह ढाबा मदिरा प्रेमियों की शरण स्थली बना हुआ है, जहॉ संचालक द्वारा केबिन में बिठाकर इन्हे शराब परोसी जाती है। यहॉ अधिकतर शाम रात होते ही महफिल सजने लगती है, आलम यह है कि प्रशासन पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा घोषित शुष्क दिवस में भी मदिराप्रेमी इस तथाकथित आश्रय में कुछ अतिरिक्त भुगतान कर शराब का सेवन करते पाए जातें हैं। यह गोरखधंधा नारायणपुर जिला प्रशासन, आबकारी विभाग, व पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे देशी-विदेशी शराब का विक्रय केन्द्र बने ढाबे मे संचालित हो रहा है। वैसे जिला मुख्यालय के बखरूपारा में ही देशी- विदेशी मदिरा दुकान उपलब्ध है जहॉ से मदिरा प्रेमियों को मीग अनुरूप आपूर्ति होती है परन्तु विचार योग्य पहलू यह भी है कि इस तथाकथित विक्रय केन्द्र को इतनी अधिक मात्रा में शराब की आपूर्ती कहॉ से होती है, जिससे पर्याप्त मात्रा में संधारण हो जिससे सहज रूप से विक्रय कार्य किया जा सके। धड़ल्ले से खुलेआम किए जा रहे इस गोरखधंधे के पीछे कहीं ना कहीं विशेश संरक्षण प्राप्त होने की आशंका को भी दर किनार नही किया जा सकता है। परिस्थित अनुरूप यह कहना अतिशयोक्ति नही हरेगी कि जहॉ कोरोना काल में आमजान की जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़ा है, वही कुछ संरक्षण प्राप्त कालाबाजारी अपनी जेब भरने के लिए शासकीय नीति विरुद्ध काम करने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं।

ज्ञात हो यह ढाबा जिला मुख्यालय के नारायणपुर – कोण्डागांव मुख्यमार्ग में अवस्थित है, जहॉ शराब सेवन कर कई शराबी सड़क दुर्घटना को भी आमंत्रित कर सकते हैं। इस प्रकार से पाजी ढाबा में पहले भी झापे मारी कर ढाबा में शराब पिलाते पकड़ा गया था, उपरोक्त संदर्भ में जिला प्रशासन पुलिस विभाग आबकारी विभाग का ध्यानाकर्षण अति आवस्यक है, जिससे ऐसे कालाबाजारियों पर नकेल कसी जा सके।