बालोद। जिले में सोमवार को छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा पुन्नी मनाया गया। जो दान का पर्व माना जाता है। इस दिन खासतौर से बच्चे और युवा भी घर-घर जाकर लोगों से दान मांगते हैं। तो साथ ही लोग भी स्वस्फूर्त इसमें धान या धन दान करते हैं। इस कोरोना काल के दौरान छेरछेरा के इस आयोजन में फर्क तो पड़ा ही। तो साथ ही लोगों के लिए जागरूकता का परिचय देना भी उतना ही जरूरी हो गया है। ऐसे में जहां एक ओर बच्चों में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है तो दूसरी ओर छेरछेरा पर्व की परंपरा का निर्वहन करते हुए बच्चों ने जागरूकता का परिचय देते हुए अनूठे तरीके से पर्व मनाया।
ग्राम जगन्नाथपुर में दो बच्चे विजय व वैष्णवी यादव ने छेरछेरा मांगने के दौरान अपने झोला (थैला) में कोरोना जागरूकता से संबंधित पोस्टर चिपका रखा था। जिसमें छत्तीसगढ़ी में बच्चों द्वारा संदेश दिया गया था कि मास्क लगाहु, टीका लगाहु, छत्तीसगढ़ महतारी ला कोरोना से बचाहु। इस पहल के जरिए गांव के इन बच्चों ने घर-घर जाकर छेरछेरा मांगा व लोगों को भी जागरूकता का संदेश दिया। बच्चों ने स्वयं भी मास्क लगा रखा था। तो दान करने वाले लोगों से भी मास्क लगाने व जो भी बचे हुए हैं उन्हें टीका लगाने की अपील भी इसके माध्यम से की गई।