आवास योजना की उच्च स्तरीय जांच हो कई लोग होंगे बेनकाब ? इस पटकथा में और कई किरदार शामिल, सत्तारूढ़ के साथ विपक्षी दल के लोग भी संलिप्त

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जगदलपुर। संजय गांधी वार्ड में आवास दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के बीच एक बात सामने आई है कि सत्तारूढ़ दल के साथ विपक्षी दल के कुछ लोगों की इस संलिप्तता में है। आईलैंड से सटे एक पार्षद द्वारा भी मकान दिलाने के नाम पर भी पैसे ले लिए हैं जिसमें से कुछ लोग समय समय पर मकान दिलाने की मांग करते रहते हैं। वहीं कुछ पार्षद भी उच्च स्तरीय जांच में फंस सकते हैं। इस पूरे में मामले पर बस्तर जिले के कलेक्टर को स्वत: संज्ञान लेने की आवश्यकता है ‌‌। एक ऐसी जानकारी सामने आई है कि एक पार्षद परिवार के तीन चार रिश्तेदारों के नाम भी आवास की सूची में हैं तो जिस व्यक्ति के नाम पर घर है, उसके नाम भी सूचीबद्ध किया गया है। बस्तर जिला मुख्यालय के जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र में गरीबों को आवास दिलाने के नाम पर वृहद पैमाने पर गोरखधंधा चल रहा है जिसमें गरीबी रेखा से ऊपर और रसुखदारों के लोग शामिल हैं।

निगम में आवास के सैकड़ों आवेदन लंबित

कथित तौर पर पैसे लेने की शिकायतें निगम को छ:माह पूर्व से हुई और इसकी जानकारी निगम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को भी है। वास्तविक लोगों को आवास दिलाने के लिए सर्वे की बातें कही गई किंतु आज पर्यंतक सर्वे नहीं किया गया है जिससे अपात्र लोगों की छंटनी नहीं हुई है।

आवास आवंटन पर लगाई गई रोक

विभिन्न सूत्रों से आवास आबंटन को लेकर की गई शिकायत के मामले पर प्रशासनिक स्तर पर रोक लगा दिया गया है जिसके कारण आवास आबंटित नहीं किया गया है।

विधायक से भी लगा चुके गुहार

कथित तौर पर विजय वार्ड के लोगों ने मौखिक रूप से इसकी शिकायत विधायक रेखचंद जैन से की थी। विधायक जैन ने सूची लेकर निगम के कर्मचारी अमर को तलब किया था। उसके बाद नये सिरे से जांच के आदेश दिए गए हैं किंतु उसके बाद क्या हुआ किसी को भी जानकारी नहीं है। महापौर भी ऐसे मामलों से अनभिज्ञ नहीं भले ही संजय गांधी वार्ड के आवास आवंटन मामले में अभी हाय-तौबा मचाई जा रही है किंतु ऐसा नहीं की महापौर सफीरा साहू अनभिज्ञ हैं । उनको भी उचित माध्यम से इसकी सूचना लगातार मिलते रही है।

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