प्रभारी मंत्री लखमा के दम पर बदल रही बस्तर की तस्वीर, प्रधानमंत्री मोदी ने आकांक्षी जिले सुकमा का उल्लेख कर वहां की प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर किया रेखांकित

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जगदलपुर। एक समय जब पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर थी उस समय भी सुकमा जिले की जनता ने स्थानीय विधायक कवासी लखमा को जीताया था। 5 साल के सरपंची कार्यकाल और लगातार 25 साल से विधायक चुनकर लखमा को वहां की जनता भरोसे के साथ जीता रहे हैं। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकांक्षी जिले सुकमा का उल्लेख कर वहां की प्रगति को राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित किया। विशेषकर 90 प्रतिशत टीकाकरण को इस जिले की बड़ी उपलब्धि बताया। गौरतलब है कि सुदूर अंचल किस्टाराम में विधायक लखमा की पहल से हॉस्पिटल की स्थापना की गई। जहां 24 घंटे चिकित्सक और स्टाफ रहकर डिलिवरी से लेकर टीकाकरण और अन्य बीमार मरीजों की देखभाल करते हैं। वहीं सलवा जुडूम में बंद हो चुके स्कूलों को शुरू करने में भी विधायक की विशेष रूचि और प्रयास रहा।

वे खुद कहते हैं मैं अनपढ़ हूं इसलिए कई जगह समस्याओं से गुजरना पड़ता है। शिक्षा ही ज्ञान का सबसे प्रमुख हथियार है। वे हर किसी को पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं। यही कारण है कि सुकमा जिले के अलावा बस्तर संभाग के अन्य 4 जिले जिसके वे प्रभारी हैं दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोण्डागांव और नारायणपुर वहां के भी ग्रामीण बच्चे डाक्टर, इंजीनियर और बड़े पदों में पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सुकमा जिले का वर्णन कर न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। सलवा जुडूम जब सुकमा जिले में शुरू हुआ था उस दौरान हालत नियंत्रण से बाहर हो गया था। तब नागा और मिजो बटालियन को पदस्थ किया गया। उस दौरान नक्सली भी इनसे खौफ खाते थे। जहां बारूद के धमाकों की गुंज सुनाई देती थी वहीं अब टीकाकरण और शिक्षा, कृषि, पोषण आदि पर बात होती है। उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने चर्चा में कहा कि समुचा बस्तर संभाग आदिवासी अंचल है यहां अधिकांश लोग गरीब और अभाव के बीच जीवन यापन करते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विशेष लगाव बस्तर के प्रति है। यही कारण है कि सुकमा जिले के टीकाकरण और शिक्षा जैसे विषयों को प्रधानमंत्री ने अपने उदबोधन में शामिल किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रशासकीय मशीनरी को ईमानदारी और संवेदना के साथ काम करने की हिदायत दी है। इसी कारण स्वास्थ्य कर्मी किस्टाराम, जगरगुंडा, पोलमपल्ली, गोलापल्ली, मरईगुड़ा जैसे दुरस्थ अंचल में जाकर टीकाकरण के साथ-साथ आवश्यक दवाईयां वनवासियों तक पहंुचा रहे हैं। लखमा ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में सुकमा जिला आगे बढ़ रहा है, लेकिन आकांक्षी जिला होने के कारण कई मापदंडों में खरा उतरना है उस पर काम होगा। मैंने कलेक्टर, एसपी समेत सारे विभाग के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन-जिन विभागों की प्रगति में रूकावट आ रही है उसे चुनौती के रूप में लेकर दुगुने उत्साह के साथ काम करें तो परिणाम जरूर आएगा। मेरे प्रभार वाले सभी 5 जिले के अधिकारियों को बैठक में मैंने निर्देश दिया है उम्मीद है आने वाले समय में अन्य क्षेत्र में भी बस्तर कीर्तिमान रचेगा और फिर से प्रधानमंत्री को बस्तर जिले का नाम तेजी से बढ़ रहे क्षेत्र के रूप में शामिल करना पड़ेगा। सुकमा जिले के छोटे से गांव नागारास के रहने वाले कवासी लखमा आज प्रदेश के मंत्री हैं। वे खुद कहते हैं इस मुकाम तक पहुंचने की मुझे उम्मीद नहीं थी लेकिन सरपंच के बाद लगातार 25 साल तक 5 बार विधायक चुनकर कोंटा विधानसभा के जनता ने भरोसा जताया। इसलिए हर क्षेत्र में गरीबी और बदहाली दूर हो और ग्रामीण विकास की मुख्य धारा से जुड़कर अपने परिवार और गांव की उन्नति में भागीदार बने।
सुरेश रावल, मीडिया सलाहकार