नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण करना बस्तर के सपने को बेचने जैसा-मुक्तिमोर्चा

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जगदलपुर – केंद्र सरकार के प्लांट निजीकरण के फैसले व बस्तर हितो पर राज्य सरकार की उदासीनता के विरुद्ध श्रमिक यूनियन के आंदोलन को मुक्तिमोर्चा ने दिया अपना समर्थन

बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा ने केंद्र सरकार फैसले के विरुद्ध बस्तर हित मे राज्य सरकार से मांगा श्वेत पत्र-मुक्तिमोर्चा

बस्तर के सभी वर्ग को संयुक्त रूप से बस्तर हित मे आंदोलन के हिस्सा बने की मुक्तिमोर्चा की अपील

बस्तर के विकास व रोजगार -स्वरोजगार के सपनो से ओतप्रोत होकर बस्तर की नई पीढ़ी के विकशित भविष्य की नींव रखने वाले एक मात्र नगरनार स्टील प्लांट का केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण करने का फैसला, वही राज्य सरकार द्वारा इस फैसले के विरुद्ध एक उदासीन रवैया के खिलाफ स्टील प्लांट के दो श्रमिक यूनियन व भू -प्रभावित ग्राम पंचायत के समितियों के

सँयुक्त रूप दिए जा रहे अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया है। उक्त धरना को बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के सयोजक नवनीत चाँद के नेतृत्व में मुक्तिमोर्चा के पदअधिकारियों ने धरना स्थल पहुच अपना समर्थन प्रदाय करते हुए केंद्र व राज्य की सरकारो को इस फैसलों को आड़े हाथ लेते हुए मुक्तिमोर्चा के सयोजक नवनीत चाँद ,सह सयोजक अमित पीटर व जिला संयोजक भरत कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा की नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के विकास व रोजगार -स्वरोगार व आने वाले युवाओं के पीढ़ी का बेहतर भविष्य तय करने इरादों व वादों को सुन कर बस्तर के लोगो ने न चाह कर भी राज्य सरकारो के प्रलोभन व दबाव में आकर अपनी जमीन बस्तर के सम्पूर्ण विकास के नाम पर दी। पर केंद्र सरकार द्वारा बिना बस्तर के हितों विचार किये निर्माणाधीन प्लांट को प्रारम्भ करने से पहले ही नुकशान बता कर निजीकरण करने का तुगलकी फरमान सुना दिया वही ,बस्तर के हितों के संरक्षण की जिमेदारी निभाने वाले राज्य सरकार ने भी अपने विपक्षीय वादे को भूल केंद्र सरकार व NMDC की निजीकरण की मंशा जानते हुए भी नियम विरुद्ध चल रहे बस्तर के चार लौह खदानों को 17 सो करोड़ों के सरकारी जुर्माने के बाबजूद भी बिना बस्तर के हितों की शर्तें तय किये लीज को आगामी 20 वर्ष के लिए नवीनीकरण कर दिया गया ,वही राज्य सरकार के इस कदम के बाद केंद्र सरकार ने नगरनार स्टील प्लांट के डीमर्जर करने के अपने तुगलकी फरमान को जारी कर बस्तर के सपनो को कुचलने का प्रयाश किया ,बस्तर के इन विकट परिस्थितियों को देख समझ कर भी राज्य सरकार की जारी उदासीनता व गतिविधिया राज्य सरकार को कठघेरे में खड़ा कर रहा है। मुक्तिमोर्चा व बस्तर के हर नागरिक की राज्य सरकार से यह मांग है। कि वह बस्तर के हितों की रक्षा करने के अपने संकल्प व कर्तव्य को निभाते हुए बस्तर हित केंद्र सरकार के संपूर्ण फैसले पर अपनी मंशा व योजना पर श्वेत पत्र जारी कर जाहिर करे। ताकि बस्तर के लोगो को वास्तविक रक्षक व भखक्षक का पता चल सके,इस धरना प्रदर्शन में बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के पदाधिकारी शोभा गंगोत्री,एकता रानी,सी एच भारती, सुनीता सिंह,शलेन्द्र वर्मा,जानी,तुलसी मौर्य व श्रमिक यूनियन के पाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।