जगदलपुर – कई प्रकार के आरोपों में घिरे प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डी. राजन के विरुद्ध उन्ही के विभाग में पदस्थ महिला कर्मचारी नेत्र सहायक अधिकारी ने मासिक समीक्षा बैठक के दौरान अश्लील भाषा का प्रयोग करते हुए आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है. उक्त महिला अधिकारी जो मूल रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टाहकापाल, तहसील तोकापाल में पदस्थ है, महिला आयोग, स्थानीय विधायक, कमिश्नर, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ को एक शिकायत पत्र भेजकर प्रभारी सीएमओ द्वारा भरी बैठक में उसके साथ अश्लील एवं अभद्रतापूर्ण किये गए व्यवहार की जांच कर ऐसे अधिकारी को दण्डित करने की मांग की है.
महिला नेत्र सहायक ने प्रभारी सीएमओ द्वारा 6 जनवरी 2022 के पूर्व भी लगातार किये जा रहे अभद्र व्यवहार एवं प्रताड़ना का खुलासा किया है. महिला के अनुसार, जब से प्रभारी सीएमओ ने अपना पदभार ग्रहण किया है उनके द्वारा लगातार अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मोस्ट डिफाल्टर जैसे शब्दों से संबोधित किया है जिससे मुझे एवं मेरे परिवार को मानसिक आघात पहुंचा है. अपने अधीनस्थ एक महिला कर्मचारी के साथ अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए दुर्व्यवहार करना कहाँ तक न्यायोचित है.
विदित हो कि प्रभारी सीएमओ डी राजन के ऊपर इसके पूर्व तोकापाल में पदस्थापना के समय उनपर कई प्रकार के आर्थिक अनियमितताओं का भी आरोप लग चुका है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण काल के दौरान अपने साथी स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हमेशा दुर्व्यवहार कर उनको निलंबन कर कई मामलों में फंसने की धमकी दिए जाने का आरोप भी लग चुका है. प्रभारी सीएमओ डी राजन के खिलाफ बस्तर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कई प्रकार के आरोप लगाते हुए उसे इस महत्वपूर्ण पद से हटाने की मांग भी स्वास्थ्य मंत्री एवं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों से की थी लेकिन अब तक ऐसे भ्रष्ट एवं महिलाओं के प्रति दुर्भावना रखकर उनकी मान-प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले प्रभारी सीएमओ के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाई नहीं किया गया है.
जानकारी के अनुसार, उक्त भ्रष्ट प्रभारी सीएमओ को स्वास्थ्य मंत्री से जुड़े बस्तर के एक कांग्रेसी नेता जो पूर्व में महापौर रह चुके हैं, उनका वरदहस्त प्राप्त है. इन्ही की आड़ में उक्त प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बारम्बार महिलाओं के प्रति अभद्रपूर्ण व्यवहार के साथ-साथ अपने साथी कर्मचारियों को स्थानांतरण एवं निलंबन जैसे धमकी दी जाती है. अगर समय रहते ऐसे प्रभारी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यवाई नहीं की जाती है तो बस्तर में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े महिला कर्मचारियों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा होगी.