जगदलपुर। जिले के मूली धान खरीदी केन्द्र में सुखाती की भरपाई करने किसानों से प्रति विंटल धान बिक्री के एवज में किसानों से 1 से 2 किलो की डंडी मारी जा रही है जबकि शासन का ऐसा कोई निर्देश नहीं है वहां के प्रबंधक ने स्वीकार किया कि सुखती की भरपाई करने प्रति बोरा 5 सौ ग्राम धान ज्यादा लिया जाता है। प्रतिबोरा धान का वजन बारदाना के पासिंग के साथ 40 किलो भर्ती किया जाता है। ज्ञातव्य हो कि बस्तर जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समय सीमा बढ़ाकर 7 फरवरी किया गया था। 4 फरवरी तक ही टोकन कटाने की अंतिम तिथि थी जिन किसानों ने 4 फरवरी को टोकन कटाया है वो किसान धान 7 फरवरी को बेच सकते है।
कुछ किसानों ने जो मगनार, जैतगिरी, सोनपुर, छिंदगांव, जैबेल के खरीदी केन्द्रों में 4 फरवरी से पूर्व से ही टोकन कटाने से वंचित हो गये है जबकि ऐसी किसी प्रकार का कोई जिला प्रशासन द्वारा आदेश नहीं है। धान ारीदी केन्द्रों से ऐसी जानकारी किसानों के बीच फैलाई गई है जिसके कारण कई किसान टोकने कटाने से भी वंचित हुए। बस्तर जिले में 1 लाख 62 हजार 744 विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। जिसके एवज में 4 फरवरी तक 1 लाख 58 हजार विंटल धान की खरीदी की गई है। मूली लेपस में किसानों से मारी जा रही डंडी: मूली लेपस में 827 पंजीकृत किसानों में से 631 किसानों ने समर्थन मूल्य पर 37 हजार 149 विंटल धान की बिक्री कर चुके है।
इन किसानों से सूखती के नाम पर प्रति बैग 4 सौ से 6 सौ ग्राम सूखती के नाम पर कटौती की जा रही है। 3 बोरी में लगभग 1 विंटल 20 किलो धान का वजन है जिसका आंकलन किया जाये तो प्रत्येक किसानों का प्रति क्विंटल 1 से दो किलो की सूखती के नाम पर कटौती की गई है। जबकि किसानों से कटौती करने का काई प्रावधान नहीं है। सूखती के नाम पर कटौती: मूली लेपस के प्रबंधक श्री सेठिया ने बताया कि समय पर धान का उठाव नहीं होने से धान साटेज होता है। साटेज की भरपाई करने के उद्देश्य से प्रत्येक बोरे में 4 सौ से 6 सौ ग्राम वजन अधिक लिया जाता है। दोषी पाये जाने पर होगी कार्रवाई: जिला सहकारी बैंक के सीईओ श्री खान ने बताया कि शासन से सूखती लेने का कोई निर्देश नहीं है अगर सूखती के नाम पर अधिक धान लिया गया है तो इसकी जांच कराई जायेगी और दोषी पाये जाने पर खरीदी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।