गणेश मिश्रा – बीजापुर
बीजापुर:— ग्रामीण ईलाकों में बारहमासी आवागमन सुविधा सुलभ कराने के छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा अंदरूनी ईलाके के बसाहटों को डामरीकृत सड़कों से जोड़ा जा रहा है। जिसके फलस्वरूप जिले के दूरस्थ ईलाके के गांवों में विकास को बढ़ावा मिल रहा है। करीब एक साल पहले 44 करोड़ 75 हजार रूपए की लागत से बनी बीजापुर-हिरोली डामरीकृत सड़क इस क्षेत्र के कई गांवों के वाशिंदों को ब्लाक एवं जिला मुख्यालय बीजापुर तक पहुँचने हेतु महत्वपूर्ण सड़क है। सुरक्षा बलों के सक्रिय सहभागिता से कड़ी सुरक्षा के बीच निर्मित यह सड़क क्षेत्र के विकास में अहम योगदान दे रही है। इस बारे में गंगालूर सरपंच राजू कलमू बताते हैं कि इस क्षेत्र में गंगालूर सबसे बड़ी बसाहट होने के साथ ही यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, तहसील, थाना और स्कूल-आश्रम स्थित हैं, वहीं साप्ताहिक बाजार भी है। जिससे लोगों को विभिन्न कामकाज के लिए यहां आने में सुविधा हो रही है और जिला मुख्यालय बीजापुर तक आने-जाने के लिए सहूलियत हो रही है। यही नहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल-बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को अंदरूनी गांवों तक पहुँचाने के लिए यह सड़क जीवनरेखा साबित हो रही है।
गंगालूर के उपसरपंच लच्छू हेमला सहित महेश हेमला, राज हेमला आदि ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क के बन जाने से कृषि उत्पाद और वनोपज को बाजार तक पहुँचाने के लिए आसानी हो रही है। वहीं बच्चों की पढ़ाई और ग्रामीणों को चिकित्सा के लिए सुविधा हो रही है। बीजापुर-हिरोली सड़क से पामलवाया, पोंजेर, भोगामगुड़ा, पदेड़ा-चेरपाल इत्यादि बसाहटें जुड़ गयी हैं। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित नैमेड़ से कोमला तक डामरीकृत सड़क के जरिये इस क्षेत्र के ग्रामीणों को बारहमासी आवागमन सुविधा मिल रही है। लगभग 2 करोड़ 60 लाख रूपए की लागत से निर्मित इस 10 किलोमीटर डामरीकृत सड़क से मिनगाचल, धाकड़पारा, कोमला, किसकालपारा एवं कुएनार बसाहटें जुड़ गयी हैं, जिससे इन बसाहटों की एक बड़ी आबादी को ब्लाक-तहसील एवं जिला मुख्यालय सहित हाट-बाजार तक आने-जाने में सहूलियत हो रही है। एरमनार सरपंच पंकज मंडावी तथा कुएनार के किशोर सलाम एवं भरत मंडावी और कोमला निवासी वंगाराम कोरसा, कमलू कोरसा आदि ग्रामीणों ने उक्त सड़क बन जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सरकार को साधुवाद दिया।