बस्तर को मिल गया दिल्ली हिलाने वाला बब्बर शेर… जिसके आगे सब ढ़ेर…

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर। देश की आदिवासी चेतना, आत्मगौरव और अस्मिता के प्रतीक बस्तर को सांसद दीपक बैज के रूप में आखिरकार एक ऐसा युवा प्रतिनिधि मिल गया जिसकी बस्तर को वर्षों से तलाश थी। बस्तर की सियासी परंपरा के अनुसार जनता के हक में दहाड़ने वाले जननायक को शेर का खिताब देकर सम्मानित किया जाता है। आंग्रेज़ों की हुकूमत में भूमकाल आंदोलन के महानायक गुंडा धूर का ऐतिहासिक महत्व आज भी आदिवासी संस्कृति के जुझारूपन का प्रतीक है और ताकायनात रहेगा। बस्तर की संघर्षशील धरती ने आजादी के बाद आदिवासी हितों के लिए दहाड़ने वाले शेर पैदा किये हैं। कभी महेंद्र कर्मा और बलीराम कश्यप को बस्तर के लिए दहाड़ने की वजह से बस्तर टाइगर के जन खिताब से नवाजा जाता था। यदि राज्य गठन के समय आदिवासी नेतृत्व के नाम पर कांग्रेस ने न्याय किया होता तो पहली सरकार में महेंद्र कर्मा उद्योगमंत्री नहीं बल्कि मुख्यमंत्री हो सकते थे। भाजपा की पहली सरकार में यह गौरव बलीराम कश्यप को मिल सकता था लेकिन आदिवासी समाज बेहद धीरज वाला होता है। अधीरता इसकी संस्कृति में नहीं है। आदिवासी सिर्फ अपनी धरती के बारे में सोचता है। उसकी कोई बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षाएं नहीं होतीं। अब सांसद दीपक बैज बस्तर के शालीनता भरे अंदाज में बस्तर हित, छत्तीसगढ़ हित के साथ राष्ट्रहित की राजनीति कर रहे हैं तो बस्तर की छाती चौड़ी हो रही है। अन्याय के सामने कभी न झुकने वाला मस्तक ऊंचा हो रहा है। सांसद दीपक बैज बस्तर की उम्मीदों को रोशनी दे रहे हैं। असीम संभावनाएं उनकी राह देख रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के मुताबिक वे संसद में छत्तीसगढ़ के हक के लिए राज्य का सक्षम प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यूं तो लोकसभा में छत्तीसगढ़ ने 11 सांसद भेजे हैं लेकिन यह व्यावहारिक सत्य है कि बस्तर सांसद दीपक बैज छत्तीसगढ़ के लिए सबसे ज्यादा मुखर और आक्रामक हैं। उनकी आक्रामकता में बस्तर की शालीनता की मिठास है। साफगोई है। लोकतांत्रिक व्यवस्था की मर्यादा के प्रति सम्मान है। तथ्यों पर आधारित बात रखते हैं इसलिए उनकी बातों पर विवाद नहीं होता बल्कि उनकी बात को गहराई से अनुभव किया जाता है। आज बस्तर का प्रतिनिधि देश की सबसे बड़ी पंचायत, लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर में जब बस्तर, छत्तीसगढ़ और देश की जनता के लिए आवाज उठाता है तो संसदीय इतिहास का वह दौर याद आ जाता है जब राममनोहर लोहिया, अटलबिहारी वाजपेयी, चंद्रशेखर जैसे नेता सारगर्भित बेहद5 किया करते थे। बजट पर विचार व्यक्त करते हुए सांसद दीपक बैज ने लोकसभा में जिन राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार का विरोध करने के साथ साथ छत्तीसगढ़ और बस्तर की जनता की भावनाओं को व्यक्त किया, वह यह उम्मीद बढ़ा रहा है कि बस्तर और छत्तीसगढ़ का युवा प्रतिनिधित्व बहुत ऊर्जावान है तथा यह युवा प्रतिनिधित्व भविष्य में राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ का सुनहरा भविष्य गढ़ने में सहायक होगा।