बालोद पुलिस विभाग जनहित में सूचना प्रसारित की गई कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (A) के तहत सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है. इंटरनेट और सोशल मीडिया ने इसे प्रोत्साहित करने में अहम रोल निभाया है. हालांकि अभिव्यक्ति की यह आजादी उसी सीमा तक है, जहां तक आप किसी कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं और दूसरे को आहत या नुकसान नहीं पहुंचाते हैं | इंटरनेट के इस दौर में सोशल मीडिया ने आपसी दूरी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,लेकिन इसके दुष्परिणाम भी साइबर अपराध के रूप में सामने आए है ।अश्लील मैसेज भी उनमें से एक अपराध है।
अश्लील मैसेज को इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों द्वारा प्रेषित करना आई टी एक्ट की धारा 67 के तहत दंडनीय घोषित किया गया है। सूचना प्रोधोगिकी अधिनियम की धारा 67 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कम्प्यूटर अथवा मोबाइल फोन से अश्लील सामग्री को प्रकाशित करता है या किसी अन्य व्यक्ति को भेजता है ।तो पहली बार अपराध के लिए तीन वर्ष व दूसरी बार रिपीट करने की स्थिति में पांच वर्ष का कारा वास् व जुर्माने का प्रावधान है।अतः बिना सोचे समझे कोई भी मेसेज सोशल मीडिया के माध्यम से फारवर्ड न करें
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