दल्ली राजहरा नगर एक मिनी भारत है इस शहर में संपूर्ण भारत वर्ष के हर प्रांत व राज्य के लोग निवास करते हैं हमारे दल्ली राजहरा नगर में हर धर्म जाति व मजहब को मानने वाले अपनी अपनी परंपरा के अनुसार भाई चारे के साथ दल्ली राजहरा में निवास करते हैं दल्ली राजहरा वही लौह नगरी है जिसके सीने को चीर कर कच्चा लोहा निकाला गया और उससे शासन ने करोड़ों अरबों रुपए का मुनाफा कमाकर आज दल्ली राजहरा नगर को बदहाली की स्थिति में छोड़ दिया है करोड़ों अरबों का राजस्व देने वाला एक ऐसा अभागा शहर है जिसकी आबादी 1 लाख से घटकर आज महज 44 हजार के लगभग रह गई है और ऐसी ही स्थिति रही तो इस शहर का हाल भी पास के महामाया माइंस या भिलाई के नजदीक के नंदनी माइंस की तरह हो जाएगा।
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दल्ली राजहरा नगर को बसे लगभग 60 साल से ज्यादा हो गया है किंतु आज भी इस नगर के वासी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं आज दल्ली राजहरा बालोद जिला का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर होने के बावजूद इस शहर को ना तो जिला का दर्जा मिला और ना ही तहसील का दर्जा मिल पाया ।करोड़ों अरबों का राजस्व देने वाला शहर को अपनी अस्तित्व एवं हक के लिए जूझना पड़ रहा है दल्ली राजहरा व्यापारी संघ भी अपने इस शहर के लिए चिंतित है और दल्ली राजहरा की परिस्थितियों में कैसे सुधार लाया जाए इसके लिए लगातार प्रयत्नशील है इन्हीं मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव अमिताभ जैन जी से सौजन्य मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की गई जिसमें उन्होंने हमारी जायज मांगों को ध्यान में रखते हुए संभवत निराकरण का आश्वासन दिया।
जिसमें हमारी प्रमुख मांगे शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय व आत्मानंद विद्यालय की स्थापना की जाए । डी एम एफ फंड के राशि का उपयोग 50 % राजहरा के नगर में शिक्षा स्वास्थ्य एवं विकास कार्यों के लिए खर्च किया जाए। 100 बिस्तर का अस्पताल की स्थापना की जाए ।बीएसपी क्षेत्र के 130 एकड़ भूमि को राजस्व में दिलाया जाए ।दल्ली राजहरा एवं चिखलाकसा में जमीन रजिस्ट्री का सरलीकरण किया जाए । बायपास सड़क का निर्माण।राजहरा में औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जाय। आदि प्रमुख माँगो को लेकर राजहरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोविंद वाधवानी महामंत्री क्रांति जैन वरिष्ट उपाध्यक्ष अशोक लोहिया एवं अशोक शाहा ने सौजन्य भेंट कर लंबी चर्चा किया गया।