बस्तर संभाग के स्थानीय अतिथि शिक्षकों (DMF) ने की महामहिम से राज्य स्तर की बजट में मानदेय की मांग

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बस्तर संभाग में शिक्षा में सुधार लाने एवं शिक्षकों की कमी को दूर करने हेतु बस्तर संभाग में जिला खनिज न्यास निधि (DMF) मद से स्थानीय अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई हैं।स्थानीय अतिथि शिक्षकों को बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में विभिन्न नामों से जाना जाता है और इनकी संख्या इस प्रकार है –

अतिथि शिक्षकों का नाम एवं जिला संख्या

1.अतिथि शिक्षक जिला दंतेवाड़ा
2.अतिथि शिक्षक जिला नारायणपुर
3.अतिथि शिक्षक जिला कांकेर
4.ट्यूटर शिक्षक जिला कोंडागांव
5.शिक्षण सेवक जिला बस्तर
6.शिक्षादूत जिला सुकमा
7 शिक्षादूत जिला बीजापुर

स्थानीय अतिथि शिक्षक बस्तर संभाग के पहुँचविहीन , दुर्गम , बिहड़ एवम सुदूरवर्ती इलाकों में प्राथमिक , माध्यमिक और हाई स्कूली शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
हिंदी के अलावा ये स्थानीय अतिथि शिक्षकों को गोंडी, हल्बी , भतरी माड़िया जैसे स्थानीय बोली आती हैं जो कि बच्चों की शिक्षा में मददगार साबित हो सकती हैं।

हर वर्ष शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के 2-3 माह बाद इनकी भर्ती की जाती हैं और शिक्षा सत्र समाप्त होने के बाद (अप्रैल माह) इनकी सेवायें समाप्त की जाती हैं जिस कारण ये स्थानीय अतिथि शिक्षक पुनः बेरोजगार हो जाते हैं जिसके कारण इन्हें हर वर्ष मानसिक एवं आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और पुनः सेवा बहाली मुश्किल से ही हो पाता है या कई बार DMF मद की कमी के कारण सेवा बहाली नही हो पाता है।

इन अतिथि शिक्षकों को शिक्षा सत्र समाप्त होने के पश्चात सेवा अवधि को निरंतर जारी रखते हुये 12 माह अवधि को निर्धारित करते हुये राज्य सरकार के बजट में शामिल करवाने की मांग की है |

इनकी कुछ अन्य मांगे हैं जो एक प्रकार हैं–

(1 ) संभाग में सर्वप्रथम वर्ष2013-2014 में स्थानीय अतिथि शिक्षकों की भर्ती किया गया है जिसे वर्तमान मंहगाई के आधार पर राज्य शासन के अन्य अतिथि शिक्षकों के तर्ज पर वर्तमान मानदेय में वृद्धि करते हुये सम्मानजनक मानदेय दिया जावें।

(2 ) सभी जिले के अतिथि शिक्षकों को जिला सुकमा के शिक्षादूत के तर्ज पर 12 माह की सेवा अवधि निर्धारित किया जावें।

(3).सभी जिले के अतिथि शिक्षकों को केवल एक ही नाम रखा जावें।

(4). किसी भी जिले में अतिथि शिक्षकों के स्थान पर अन्य नियमित शिक्षक (सीधी भर्ती) या पददोन्नति आने के पश्चात उस अतिथि शिक्षक का स्थान यथावत रखते हुये किसी की भी छटनी नही किया जावें।

महोदया राज्यपाल जी से जायज मांगों को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुये आवश्यक कार्यवाही करने हेतु संभाग के समस्त अतिथि शिक्षकों ने मांग की है।