गायत्री प्रज्ञापीठ और इंडियन रेडक्रास सोसायटी ने मिलकर रोपित पौधों का जन्मदिन व नामकरण संस्कार मनाया।

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डौंडी :- गायत्री प्रज्ञापीठ सुरडोंगर (हरित सरोवर कार्यक्रम) और इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी सुरडोंगर( हरियर छत्तीसगढ़ थीम के तहत )संयुक्त तत्वावधान में आज पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के दिशा मे नवाचारी पहल करते हुए प्रज्ञापीठ मे रोपित किए गए पेंड़ पौधों का जन्मदिन व पौधों का नामकरण संस्कार मनाया गया। इसके तहत समाजिक व्यक्तियों ,पंचायत प्रतिनिधियों एवं. छात्रों की उपस्थिति मे स्थानीय प्रशासन के द्वारा जारी किए गए मार्गदर्शन का पालन करते हुए पर्यावरण की सुरक्षा हेतु यज्ञ हवन एवं पूजा पाठ का आयोजन किया गया इसके तहत आए हुए सभी सदस्यों के हाथों से प्रज्ञा पीठ मे सभी के द्वारा एक एक मूल्यवान पौधा का रोपण कराया गया जिसमें मुख्य रुप से लौंग, अखरोट, सेब,लालचंदन, आंवला, अंजीर ,बादाम, काजू,एरिकापाम,तेजपत्र,कटहल, आम,श्री आंवला, रूद्राक्ष,क्रीसमस ट्री स्टार फूरुट जैसे अमूल्य पौधों का जो कि कन्हैयालाल विश्वकर्मा द्वारा विभिन्न जगहों से अथक प्रयास ऊपरांत संग्रहण किया जाता है।इस प्रज्ञापीठ मे सैकड़ों मूल्यवान पौधो का रोपण किया जा चुका है, इस पीठ मे लगे हुए पौधे दुर्लभ प्रजाति के है तथा पुरा मंदिर प्रांगण पौधों से और गमलों मे लगे पौधे से हरा भरा है जिसका समय समय पर रोपण कराया गया है।

कांऊसलर संजय कुमार बंजारे व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुरडोंगर द्वारा अपने रेडक्रॉस की टीम के साथ वृक्षारोपण और इनकी संरंक्षण हेतु संकल्प कराकर विद्यालय और समाज के साथ मिलकर अपने ग्रामीण क्षेत्रों के चहुंमुखी विकास ओर जागरूकता अभियान में अपने दायित्वों का निर्वहन कर सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहें है। साथ ही साथ विचार संगोष्ठी के माध्यम से सभी वक्ताओं ने वृक्षारोपण एवं उनके संरंक्षण हेतु समाज एवं ग्रामीणो को संकल्पित कराते हुए कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख कर जैसे वृक्ष धरती को ऊपजाऊ बनाते हैं हमारे जीवन में भी चैतन्यता ऊतपन्न करते हैं यदि हम अपने सभ्यता और संस्कृति. की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें ना केवल वृक्ष लगाने चाहिए बल्कि उनका पालन पोषण संवर्द्धन भी करना चाहिए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे ग्राम संरपंच कोमेश कोर्राम, लखन मरकाम, सुखचैन ठाकुर,तोरन मरकाम, नकुल विश्वकर्मा, सेवक नेताम, टामन सिंह ध्रुवे ,एस एम ,धम्रेन्द विश्व कर्मा तिवारी एवं रेडक्रॉस छात्राओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।